Advertisement

दलितों के घर खाने की जगह अपने घर बुलाकर खाना खिलाया जाना चाहिए: उदित राज

उदित राज का कहना है कि दलित समुदाय ज्यादा जागरुक नहीं है, पढ़ा लिखा नहीं है. इन चीजों से थोड़ी देर के लिए खुश हो सकता है, लेकिन पूरे देश में इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है कि अभी भी लोग हमें छोटा समझते हैं, हमारे यहां आकर खाना खाकर इस बात का एहसास कराते हैं.

बीजेपी सांसद और दलित नेता उदित राज (फाइल फोटो) बीजेपी सांसद और दलित नेता उदित राज (फाइल फोटो)
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा के दलित के घर खाना बाहर से मंगवा कर खाने पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. बीजेपी सांसद और दलित नेता उदित राज ने भी सुरेश राणा के इस तरह से खाना खाने पर सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने यह ठीक नहीं किया. इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

सांसद उदित राज ने कहा, 'मैं दलितों की नब्ज को जानता हूं. अब लोग इसको बुरा मानने लगे हैं. राहुल गांधी ने भी इस तरह के कई प्रयोग किए थे, जो नाकाम रहा था.' उन्होंने आगे कहा, 'इस प्रकरण में जो दलित है उसने भी बयान दिया है कि मुझे पता ही नहीं चला कि मेरे घर में आए और खाना खाकर चले गए. इससे पार्टी का स्तर गिरा है और इस तरह का खाना खाना दलितों को नीचा दिखाने का प्रयास समझा जा सकता है. मैं उमा भारती का समर्थन करता हूं.'

Advertisement

दलित का एहसास

उदित राज का कहना है कि दलित समुदाय ज्यादा जागरुक नहीं है, पढ़ा लिखा नहीं है. इन चीजों से थोड़ी देर के लिए खुश हो सकता है, लेकिन पूरे देश में इसकी प्रतिक्रिया हो सकती है कि अभी भी लोग हमें छोटा समझते हैं, हमारे यहां आकर खाना खाकर इस बात का एहसास कराते हैं.

उन्होंने कहा, 'मेरी यह सलाह है कि दलितों को अपने घर बुलाकर खिलाएं. रोटी-बेटी का संबंध जोड़ें और शासन और प्रशासन में भागीदारी दें. इससे भागीदारी आ जाएगी और सब बराबर भी आ जाएंगे. और उन्हें नीचा देखना भी नहीं पड़ेगा.'

उदित राज का कहना है कि दलितों के घर जाकर खाना खाने से पार्टी को फायदा नहीं होगा. इससे प्रतिकूल असर पड़ेगा. लोग जागरुक हो गए हैं. आज के दलित अस्सी-नब्बे के दशक वाले दलित नहीं रह गए हैं.

Advertisement

उन्होंने उमा भारती की तारीफ करते हुए कहा कि शायद उमा भारती समाज को अच्छे से समझ सकी हैं, पढ़ सकी हैं जिन्होंने कहा कि वह अपने घर पर दलितों को खाना खिलाकर अपने आपको पवित्र समझेंगी. वास्तव में यही किया जाना चाहिए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement