
फिल्म अभिनेता प्रकाश राज और बीजेपी के बीच तनातनी बढ़ गई है. कर्नाटक में जिस जगह प्रकाश राज ने भाषण दिया, उसे बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने गौमूत्र से शुद्ध करने की कोशिश की है. इसको लेकर प्रकाश राज और बीजेपी फिर आमने-सामने आ गए है. अभिनेता के एक कार्यक्रम में भाषण के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने वहां जाकर गौमूत्र और गंगाजल से छिड़काव कर उसका शुद्धिकरण करने की कोशिश की.
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी कर्नाटक अनोखे अंदाज में स्वच्छता अभियान चला रही है और सिरसी में प्रकाश राज के भाषण के बाद कार्यकर्ताओं ने वहां के स्टेज को गौमूत्र से शुद्ध करने की कोशिश की. बीजेपी की ओर से इस कार्रवाई के बाद प्रकाश राज ने ट्वीट कर पूछा कि वह जहां-जहां जाएंगे, क्या बीजेपी वहां इस तरह से शुद्धीकरण करेगी.
प्रकाश राज पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की जमकर आलोचना करने के कारण निशाने पर हैं. अक्टूबर में नेशनल अवार्ड से सम्मानित अभिनेता प्रकाश ने पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस पर पीएम मोदी की चुप्पी पर नाराजगी जताते हुए उन्हें अपने से बड़ा एक्टर बताया था. साथ ही अपने नेशनल अवार्ड लौटने की धमकी भी दी थी. बाद में उन्होंने इस मामले में सफाई भी दी, लेकिन जब तक उनके इस बयान ने तूल पकड़ लिया और लखनऊ के एक कोर्ट में उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई.
तब प्रकाश ने #justasking के जरिए ट्वीट कर लिखा, "यदि मेरे देश की सड़कों पर युवा जोड़ों को गाली देना और मारपीट करना आतंक नहीं है, यदि कानून अपने हाथ में लेना और गोहत्या के शक की बिनाह पर भीड़ का किसी को मारना आतंक नहीं है, यदि गालियों के साथ ट्रोल करना, धमकाना, मतभेद की छोटी सी भी आवाज को दबाना आतंक नहीं है, तो फिर आतंक और क्या है?"
मोदी को निशाना बनाने के बाद उन्होंने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया था. बॉलीवुड और दक्षिण की फिल्मों में नाम कमा चुके प्रकाश राज ने अपने ट्वीट के जरिए यूपी की योगी सरकार पर सीधा कटाक्ष किया था. प्रकाश राज ने ट्वीट कर लिखा, "क्या दीवार का रंग बदलना ही विकास है? उन किसानों का क्या जो सामने आलू फेंक रहे हैं?"
उन्होंने आगे लिखा, "किसानों ने अपनी पीड़ा आपके आवास के सामने आलू फेंककर जाहिर की है और आपके कृषि मंत्री कहते हैं कि आलू अच्छी क्वालिटी के नहीं हैं. ये विरोध की राजनीति से प्रेरित है. किसानों की पीड़ा को समझने का आपका ये तरीका है. यदि दीवार का बदलतारंग विकास है तो क्या मि. विकास पेंटर हैं?"