
ट्रेनों में रेल यात्रियों को मिलने वाले चादरों, तकियों और कंबलों से अक्सर बदबू आने की शिकायतों पर बड़ा खुलासा सामने आया है. रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि ट्रेन में मिलने वाले कंबलों की धुलाई दो महीने में एक बार की जाती है.
राज्यसभा में बोले रेल राज्य मंत्री
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मनोज सिन्हा ने विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब में कहा कि चादरों, तकियों के खोलों को हर दिन साफ किया जाता है. वहीं
कंबलों को दो महीनों में एक बार धोया जाता है. सदन में कुछ सदस्यों ने ट्रेनों में रेल में दिए जाने वाले चादरों, कंबलों वगैरह की सफाई को लेकर शिकायतें की थीं.
उपराष्ट्रपति बोले- साथ रखें बिस्तरबंद
इस बारे में सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि सफर के दौरान अपना बिस्तरबंद ले जाने का पुराना चलन ही अच्छा था. सिन्हा ने कहा कि यह अच्छी सलाह है और रेलवे
को कोई समस्या नहीं होगी अगर यात्री उस चलन को स्वीकार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यात्रियों से बेडरॉल की गुणवत्ता के संबंध में समय-समय पर पत्र प्राप्त होते
रहते हैं. उन पर उचित कार्रवाई भी की जाती है.
लगाई जाएंगी और मशीनीकृत लॉन्ड्रियां
सिन्हा ने कहा कि इससे पहले आउटसोर्स की गई लॉन्ड्री सेवाओं के बारे में घटिया धुलाई को लेकर नियमित शिकायतें मिलती रहती थीं. इसलिए रेल ने अपने नियंत्रण में
मशीनीकृत लॉन्ड्रियां स्थापित करने का निश्चिय किया और अब तक 41 ऐसी लॉन्ड्रियां स्थापित कर दी गई हैं. उन्होंने बताया कि अगले दो साल में 25 और ऐसी लॉन्ड्रियां
चालू करने की योजना है. इसके बाद यात्रियों की करीब 85 फीसदी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.