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बैठक से ब्रिटिश रक्षामंत्री के इनकार की खबर को सीतारमण ने बताया कोरी बकवास

‘द संडे टाइम्स’ की खबर के अनुसार विलियमसन ने सीतारमण से 20 से 22 जून के बीच सुरक्षा सहयोग और रक्षा खरीद को लेकर द्विपक्षीय वार्ता पर मिलने से इनकार कर दिया.

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण
राहुल विश्वकर्मा
  • श्रीनगर,
  • 02 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिटिश मीडिया की उस खबर को कोरी बकवास बताया है जिसमें कहा गया है कि ब्रिटेन के रक्षामंत्री गेविन विलियमसन ने उनके साथ बैठक करने से इनकार कर दिया है. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक सीतारमण लंदन में ‘ब्रिटेन-भारत सप्ताह’ बैठक में शामिल होने वाली थीं.

‘द संडे टाइम्स’ की एक खबर में दावा किया गया है कि बैठक के लिए अनुरोध एक महीने से अधिक समय पहले भारतीय अधिकारियों की ओर से किया गया था. ब्रिटेन के कम से कम दो मंत्रियों ने कथित तौर पर विलियमसन को सीतारमण के लिए समय निकालने के महत्व को समझाने का प्रयास किया था. इन दो मंत्रियों में विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन शामिल थे.

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‘द संडे टाइम्स’ की खबर के अनुसार विलियमसन ने सीतारमण से 20 से 22 जून के बीच सुरक्षा सहयोग और रक्षा खरीद को लेकर द्विपक्षीय वार्ता पर मिलने से इनकार कर दिया.

सीतारमण ने ट्विटर पर अपनी निराशा जाहिर करते हुए इसे ‘निराधार खबर’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘संडे टाइम्स (ब्रिटेन) से निराश हूं. बिल्कुल निराधार खबर. ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूत संबंध हैं. बैठक के लिए परस्पर सहमति से तारीख पर चर्चा चल रही है और मैं बैठक चाहती हूं.’ समाचार पत्र ने ब्रिटिश सरकार के एक सूत्र के हवाले से कहा कि लोग इसे लेकर बहुत नाराज हैं.

सूत्र ने कहा कि भारत का रक्षा बजट विश्व के तेजी से बढ़ते रक्षा बजटों में से एक है जिसमें वर्ष में 50 अरब डालर के करीब खर्च होता है. ऐसा लगता है कि यह विलियमसन का एक और बिना सोचा समझा निर्णय है.

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खबर में कहा गया है कि विलियमसन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी भारतीय समकक्ष सीतारमण को नजरंदाज करके विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश को नाराज कर दिया है.

लंदन और बकिंघमशायर में 18 से 22 जून के बीच आयोजित ब्रिटेन-भारत सप्ताह के संस्थापक मनोज लाडवा ने कहा कि अगर विलियमसन ने कुछ वक्त निकाला होता तो वास्तव में अच्छा रहता, लेकिन हमें यह नहीं कहना चाहिए कि बैठक के लिए भारतीय काफी बेकरार थे.

कार्यक्रम में दो दिवसीय सम्मेलन और ब्रिटेन-भारत पुरस्कार भी शामिल था. इसमें सीतारमन शामिल होने वाली थीं, लेकिन उनकी यात्रा टाल दी गई क्योंकि विलियमसन के साथ मुलाकात तय नहीं हो पाई.

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