
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कन्नड़ भाषा पर जोर दिया और कहा कि वे कन्नड़ संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. जबकि शनिवार को येदियुरप्पा की पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने हिंदी भाषा पर जोर देते हुए कहा था कि अगर कोई भाषा देश को एकजुट कर सकती है, तो यह हिंदी है. कर्नाटक के विपक्षी नेताओं ने शाह के बयान को राज्य पर हिंदी को 'थोपने' का प्रयास करार दिया है.
येदियुरप्पा ने एक ट्वीट में लिखा है, हमारे देश में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं. हालांकि, जहां तक कर्नाटक की बात है कन्नड़ प्रमुख भाषा है. हम कभी भी इसके महत्व से समझौता नहीं करेंगे और कन्नड़ और हमारे राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को घोषणा की कि 2020 से सार्वजनिक रूप से 'हिंदी दिवस' मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक हिंदी नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी. शाह ने लोगों से हिंदी भाषा के साथ जुड़ने और इसे दुनिया में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल करने की दिशा में काम करने की अपील की. इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि कम से कम अपने बच्चों से हिंदी में बात करें. उन्होंने कहा कि कोई भी भाषा तब तक जीवंत रहेगी, जब तक लोग उसे गर्व के साथ बोलेंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद मई में गृहमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से हिंदी में आधिकारिक फाइलों की संख्या 20 से 60 फीसदी तक बढ़ गई है.
अमित शाह के इस बयान के बाद विरोधी स्वर मुखर हो गए हैं, खासकर दक्षिणी राज्यों के नेताओं ने इस पर ऐतराज जताया है. इन नेताओं में बीजेपी नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी शामिल हैं. उनके अलावा डीएमके और अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने हिंदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी, डीएमके ने सोमवार को तय किया कि वह हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की आड़ में हिंदी थोपने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दृष्टिकोण के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करेगी. डीएमके की यहां हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में तय किया गया कि पूरे राज्य में 20 सितंबर को सुबह 10 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा.
उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हिंदी भाषा के मुद्दे पर आलोचना करते हुए तमिल अभिनेता-राजनेता कमल हासन ने सोमवार को कहा कि किसी 'शाह, सुलतान या सम्राट' को विविधता में एकता के वादे को तोड़ना नहीं चाहिए, जिसे भारत को गणराज्य बनाने के समय किया गया था. अमित शाह के हिदी दिवस समारोह से जुड़ी टिप्पणी पर तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों की कड़ी टिप्पणियों के दो दिन बाद एमएनएम पार्टी के संस्थापक कमल हासन भी इसमें एक वीडियो संदेश और ट्वीट के जरिए शामिल हो गए.