
वैसे तो बीएसएफ भारत के अधिकांश बॉर्डर वाले इलाके में मुस्तैदी से तैनात रहती है लेकिन कच्छ का सरक्रीक इलाका पाकिस्तानी घुसपैठियों के लिए आसान माना जाता है. दलदल होने की वजह से यहां फेन्सिंग भी नहीं हो पाई है. इसके अलावा हाईटाईड होने की वजह से यहां आसानी से बोट की आवाजाही हो सकती है. आज बीएएसएफ को कच्छ के कोटेश्वर इलाके से एक पाकिस्तानी लावारिस बोट भी मिली है.
गौरतलब हे कि बोट मिलने के बाद बीएसएफ ने आसपास के इलाके में जांच शुरु कर दी है. हांलाकि कच्छ के सरक्रीक इलाके में कई बार मछुआरे इन जगहों पर अधिक मछली के लालच में घुस आते हैं. कई बार बोट से फिसिंग नेट ओर दूसरे सामान भी मिलते हैं. हांलाकि इस बोट के फिसिंग बोट होने या न होने या फिर इसे घुसपैठ के लिये इस्तेमाल किए जाने को लेकर बीएसएफ अपनी जांच कर रहा है.