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पाकिस्तान की 'ड्रोन' चाल को नाकाम करने के लिए BSF ने तैयार की 'मोबाइल ड्रोन हंटिंग टीम'

पाकिस्तान द्वारा पिछले कुछ महीनों में 10 बार से ज्यादा ड्रोन के जरिये हथियार भेजने की नाकाम कोशिश की गई है. पाकिस्तान की इस चाल को नाकाम करने के लिए बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ) द्वारा इंटरनेशनल बॉर्डर पर मोबाइल हंटिंग टीम तैनात करने जा रही है.

पाकिस्तान, भारत में ड्रोन की मदद से हथियार भेजने की कोशिश कर रहा है (फाइल फोटो) पाकिस्तान, भारत में ड्रोन की मदद से हथियार भेजने की कोशिश कर रहा है (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST
  • ड्रोन की मदद से पाकिस्तान भेज रहा है हथियार
  • ड्रोन के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिशें
  • अब ऐसे ड्रोन को मौके पर ही कर दिया जाएगा ध्वस्त

पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ ड्रोन वाली साजिश रची जा रही है. पिछले दिनों में पाकिस्तानी सेना और आतंकी आईएसआई के कहने पर ड्रोन के जरिये हथियारों को भेजने में लगे हुए हैं. पाकिस्तान द्वारा पिछले कुछ महीनों में 10 बार से ज्यादा ड्रोन के जरिये हथियार भेजने की नाकाम कोशिश की गई है. पाकिस्तान की इस चाल को नाकाम करने के लिए बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ) इंटरनेशनल बॉर्डर पर मोबाइल हंटिंग टीम तैनात करने जा रही है.

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सूत्रों के मुताबिक इस टीम में पूरा एक टेक्निकल विंग होगा जो एंटी ड्रोन सिस्टम से आये इनपुट्स के आधार पर एक्शन लेगी. सूत्रों ने आजतक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि 12 जगहों पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की तैयारी चल रही है, जिसके साथ मोबाइल हंटिंग टीम भी रहेगी. इसका मकसद यही है कि सीमा पर कोई भी दुश्मन ड्रोन नजर आये तो उसको वहीं पर ध्वस्त कर देना है.

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हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक रेंजर्स की एक चैटिंग को डिकोड किया था जिसमें पता चला कि पाकिस्तान, जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर कठुआ,सांबा और हीरानगर सेक्टर हथियार भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. उसके लिए बकायदा कोड वर्ड "परिंदा" प्रयोग किया जा रहा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की ड्रोन भेजने वाली चाल की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है. सूत्रों के मुताबिक पाक रेंजर्स ने शकरगढ़ में एक ड्रोन स्टेशन बना रखा है. जहां से वे ड्रोन के जरिये हथियार,आतंकियों की घुसपैठ के लिए सर्विलांस और भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति जानने के लिए रेकी कर रहे हैं.

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आजतक को BSF के सूत्रों ने बताया है कि बीएसएफ जल्द ही 12 जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस होगा. शुरुआती तौर पर बीएसएफ 12 एंटी ड्रोन सिस्टम खरीद कर जम्मू, पंजाब, गुजरात और राजस्थान के इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात कर रहा है. नया एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर और सेंसर से लैस होगा. साथ ही इसमें 360 डिग्री निगरानी करने की भी प्रणाली मौजूद होगी. इसके जरिए भारतीय सीमा में आने वाले किसी भी ड्रोन पर नजर रखी जा सकेगी.

सुरक्षा महकमे के एक अधिकारी के मुताबिक,एंटी-ड्रोन सिस्टम में रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर,जैमर और कंट्रोलर मैकेनिज्म मौजूद होगा. इसके राडार में ड्रोन की दिशा के बारे में सटीक जानकारी देने वाली निगरानी क्षमता मौजूद भी होगी. इस सिस्टम में कैमरे भी लगे होंगे, साथ ही इसका जैमर इतना ताकतवर होगा कि 5 सेकेंड से भी कम समय में सिग्नल जाम किए जा सकेंगे.

अगर पाकिस्तान चालाकी करके फ्री प्रोग्राम्ड ड्रोन भारत के अंदर भेजता है तो उसको भी इस नए सिस्टम से जाम कर दिया जाएगा. बीएसएफ के सूत्रों ने जानकारी दी है कि ये सिस्टम छोटे आकार का होगा और इसकी तैनाती प्रक्रिया भी आसानी से की जा सकेगी. इसे 10 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के किसी भी एरिया में स्थापित किया जा सकता है. ये सब काम मोबाइल हंटिंग टीम के जिम्मे होगा, साथ ही पूरे सिस्टम को छोटे-छोटे हिस्सों में खोला जा सकता है, जिससे इसे कहीं भी ले जाना आसान होगा. यही नहीं एंटी-ड्रोन सिस्टम दिन के साथ रात में भी यानी 24 ×7 निगरानी करने में सक्षम होगा. साथ ही इस एन्टी ड्रोन सिस्टम में ये भी तकनीक डाली जा रही है कि ये एक ही समय मे एक से अधिक ड्रोन का पता लगा सके और उसकी लोकेशन को डिटेक्ट कर उसको कंट्रोल रूम तक सूचित कर सके.

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पाकिस्तान के क्या काम आते हैं ये ड्रोन?

1.ड्रोन के जरिए पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, गुजरात के इंटरनेशनल बॉर्डर पर हथियार भेजे जा सकते हैं. हाल ही में पंजाब और जम्मू कश्मीर के कठुआ और सांबा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने चीन निर्मित पाकिस्तान के कई ड्रोन अपने कब्जे में किए हैं, जिसमे हथियार और गोला बारूद काफी मात्रा में मिला है.

2. पाकिस्तान इस ड्रोन का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल पर आतंकी घुसपैठ कराने के लिए कर सकता है. इन ड्रोन का उपयोग पहाड़ी इलाकों के गैप पर नजर रखने के लिए कर सकता है.

3. जम्मू-कश्मीर में लश्कर और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को दूर से सुरक्षाबलों पर बम गिराने के प्लान तैयार करने के लिए कर सकता है. जानकारों की माने तो हाल ही में अजरबेजान और आर्मेनिया में भी ऐसे आर्म ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था.

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