
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सियासत गरमाती जा रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती खुलकर ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम संगठनों के समर्थन में सामने आ गई हैं.
सोमवार को प्रधानमंत्री ने महोबा में लगभग साफ कर दिया कि ट्रिपल तलाक ख़त्म होगा और मुस्लिम महिलाओं को इस प्रथा से छुटकारा मिलेगा तो मंगलवार को मायावती ने अपना मुस्लिम कार्ड खेल दिया. मायावती ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा मुसलमानों और उनके संगठनो पर छोड़ देना चाहिए. साथ ही मायावती ने ये भी कहा कि ट्रिपल तलाक के बहाने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को अपना अजेंडा थोपना बंद कर देना चाहिए.
मायावती ने कहा कि इस मुद्दे को मुसलमानों के भीतर ही आम राय बनाने तक उनके समाज के ऊपर ही छोड़ देना चाहिए और किसी को उनके ऊपर थोपना नहीं चाहिए. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के महोबा में पहली बार अपनी तरफ से ये साफ कर दिया कि ये प्रथा अब खात्मे की कगार पर है.
ट्रिपल तलाक़ पर मायावती के खुलकर बोलने के सियासी मायने हैं, यूपी में चुनाव सर पर है और मायावती की जीत मुसलमानों के एकमुश्त वोट पर निर्भर करती है. समाजवादी पार्टी में जिस तरह घमासान मचा है उसे देखते हुए प्रदेश का मुसलमान मायावती के पीछे खड़ा हो सकता है और मायावती ये मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहतीं.
बहरहाल अब साफ है कि चुनाव से पहले ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे को बीजेपी भुनाने की कोशिश करेगी वहीं दूसरी पार्टियां मुसलमानों का हितैशी बनते हुए ट्रिपल तलाक को लेकर मुस्लिम भावनाओं और उनके संगठनों के साथ खड़ी होंगी.