
देश के नौ राज्यों की 10 विधानसभा सीटों और श्रीनगर संसदीय सीट पर उप-चुनाव के तहत रविवार को मतदान संपन्न हो गया. जम्मू एवं कश्मीर के अलावा शेष राज्यों में मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा. श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट पर मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है. कश्मीर में चुनावी हिंसा की अब तक की ये सबसे बड़ी घटना है. ये मौतें तब हुई, जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में गोलीबारी की.
श्रीनगर संसदीय सीट पर सिर्फ 6.5 फीसदी मतदाताओं ने ही वोट डाले
पुलिस ने कहा कि दो प्रदर्शनकारियों की मौत चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र के दलवान गांव में हुई, जबकि अन्य की मौत बीरवाह में. इसके साथ ही उनका कहना था कि हिंसक भीड़ ने एक बस में आग लगा दी और बडगाम में कुछ अन्य मतदान केंद्रों पर ईवीएम तोड़ दिए.
पुलिस ने कहा 'सुरक्षा बलों ने मतदान स्थल पर तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए गोलीबारी की.'
इस सीट के लिए नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत नौ उम्मीदवार मैदान में हैं. पिछले साल हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में फैली अशांति के दौरान पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा के इस्तीफा देने के कारण श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट खाली हो गई थी.
मध्य प्रदेश उप-चुनाव
मध्यप्रदेश के भिंड जिले के अटेर में 60 और उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में रविवार को 65 फीसदी मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. अटेर क्षेत्र में कई स्थानों पर वाहनों में तोड़फोड़, पथराव और गोलीबारी हुई.
प्रदेश में पहली बार दोनों उपचुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपीवीटी का इस्तेमाल किया गया. गड़बड़ियों के चलते छह थानों के प्रभारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय का कहना हैं कि शाम पांच बजे तक बांधवगढ़ में 65 और अटेर में 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
सूत्रों के अनुसार, अटेर विधानसभा क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों में कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थको के बीच झड़पे हुई. पथराव और वाहनों में तोड़फोड़ और गोलीबारी भी हुई. निर्वाचन अधिकारी ने मतदान केंद्र की कोशिश करने वालों पर पुलिस बल द्वारा भी फायरिंग किए जाने की पुष्टि की है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने स्वीकार किया है कि अटेर में कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति बनी. उन्होंने हालांकि कहा कि किसी बूथ पर कब्जा नहीं हुआ, कुछ मशीनें बदली गई हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, 'भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बांधवगढ़ और अटेर का चुनाव हर हाल में जीतना चाहते हैं. वे कान्हा में बैठकर अफसरों को निर्देश दे रहे हैं. यही कारण है कि भाजपा कार्यकर्ता मतदान केंद्रों पर कब्जा कर रहे हैं. इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.'
दूसरी ओर, भाजपा ने अटेर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कई मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग की है. भाजपा ने मतदान केंद्र के अधिकारियों पर भी कांग्रेस उम्मीदवार का साथ देने का आरोप लगाया.
दोनों ही स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. अटेर में 21 और बांधवगढ़ में पांच उम्मीदवार विधानसभा चुनाव मैदान में हैं.
प्रदेश में पहली बार दोनों उपचुनाव में वीवीपीएटी का उपयोग हो रहा है. मतदान के दौरान 41-निवारी एवं 164 पावई में वीवीपीएटी, 118 सकरिया में सेंट्रल यूनिट, 243 फूफकलां में पूरा सेट बदला गया.
हिमाचल प्रदेश उप-चुनाव
हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रविवार को भोरंज विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में 63 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
निर्वाचन अधिकारी मदन चौहान ने आईएएनएस को बताया 'भोरंज विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. कुल 63.33 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. करीब 99 फीसदी मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी तकनीक का इस्तेमाल सफल रहा.'
चुनाव मैदान में तीन निर्दलीय सहित पांच उम्मीदवार हैं. मुख्य मुकाबला राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने यहां पत्रकारों से कहा, 'विधानसभा चुनाव से पहले यह उप-चुनाव राज्य में राजनीतिक रुझान तय करने वाला साबित होगा. हम यह उप-चुनाव जीतने वाले हैं.'
वहीं आत्मविश्वास से भरे मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा 'इस बार हम यह सीट भाजपा से छीनने जा रहे हैं.'
राजस्थान उप-चुनाव
राजस्थान के धौलपुर विधानसभा सीट पर रविवार को उप-चुनाव के लिए हुए मतदान में 77 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और यह शाम छह बजे संपन्न हुआ.
राज्य के निर्वाचन विभाग ने आईएएनएस को बताया 'विधानसभा सीट पर 1.19 लाख योग्य मतदाताओं में से 77.26 फीसदी मतदाताओं ने शाम 6.0 बजे तक मतदान किया.'
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा 'मतदान शांतिपूर्ण रहा. कुछ स्थानों पर ईवीएम मशीनों के ठीक से काम न करने की शिकायत मिली, जिन्हें तत्काल ठीक कर दिया गया.'
धौलपुर विधानसभा सीट पिछले साल रिक्त हो गई थी, जब बसपा विधायक बनवारी लाल कुशवाहा हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए थे.
फिलहाल सदन में भाजपा की 160 और कांग्रेस की 24 सीटें हैं.
कर्नाटक उप-चुनाव
दक्षिणी कर्नाटक में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत रविवार को हुए मतदान में रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया. गुंडलुपेट विधानसभा सीट पर जहां 80 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, वहीं नंजनगुड (आरक्षित) सीट पर 76 फीसदी मत पड़े.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए. के. झा ने यहां पत्रकारों को बताया '5 बजे तक गुंडलपेट में 80 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि नंजनगुड में 76 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. मत प्रतिशत में इजाफा हो सकता है.'
मतदान अमूमन शांतिपूर्ण रहा. हालांकि कुछ जगहों पर जहां ईवीएम मशीनों में तकनीकी गड़बड़ी के कारण कुछ देर मतदान बाधित हुआ, वहीं नंजनगुड में एक गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया. नंजनगुड के महादेवनगरा गांव के लोगों ने आधारभूत सुविधाएं न होने के चलते विरोधस्वरूप 700 के करीब मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया.
झा ने बताया 'विरोधस्वरूप मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया.' हालांकि बाद में उनमें से कुछ लोग मतदान केंद्र पहुंचे और मत भी डाले.'
दिल्ली उप-चुनाव
राजधानी दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर रविवार को उपचुनाव के लिए हुए मतदान में 47 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अधिकारियों ने ये जानकारी दी.
दिल्ली में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 72 फीसदी मत पड़े थे और आम आदमी पार्टी (आप) को भारी बहुमत हासिल हुआ था.
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने की वजह से राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद यह सीट खाली हुई.
चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, 166 मतदान केंद्रों पर वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया.
इस सीट से आप के हरजीत सिंह, कांग्रेस की मीनाक्षी चंदेला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के मनजिंदर सिंह सिरसा के बीच मुख्य लड़ाई है.
असम उप-चुनाव
असम विधानसभा के धेमाजी निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप चुनाव में रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ. एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद 2,19,751 मतदाताओं में से 66.97 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
धेमाजी की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रोशनी अपारनजी कोराटी ने आईएएनएस को फोन पर बताया 'धेमाजी विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के तहत कुल 66.97 फीसदी मतदान हुआ.'
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार मतदान के लिए वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) मशीनों का इस्तेमाल किया गया है.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के अपने संसदीय सीट से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रधान बरुआ के लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने जाने के बाद यहां उप चुनाव जरूरी हो गया था.
राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 60 सदस्य हैं, असम गण परिषद (एजीपी) के 14 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के 12 सदस्य हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 26 सदस्य हैं, जबकि ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के 13 सदस्य और एक निर्दलीय सदस्य है.
झारखंड उप-चुनाव
झारखंड के लिट्टीपाड़ा विधानसभा उप चुनाव के लिए रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ और 72.15 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. एक निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पाकुड़ के उपायुक्त एवं निर्वाचन अधिकारी मुथु कुमार ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाम 7.0 बजे तक मतदान हुआ. झारखंड मुक्ति मोर्चा पिछले 40 सालों से इस सीट को जीतता आ रहा है.
उप चुनाव के मद्देनजर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने खुद पांच दिनों तक पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया. भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री हेमलाल मुरमु को मैदान में उतारा है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर कद्दावर नेता सिमोन मरांडी को उतारा है.
इस साल जनवरी में दिल का दौरा पड़ने से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक अनिल मुरमु के देहांत के बाद इस सीट पर चुनाव की जरूरत पड़ी.
बंगाल उप-चुनाव
पश्चिम बंगाल के कांथी दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में रविवार को 82 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया 'अब मिली रपट के मुताबिक, अपराह्न 6.0 बजे तक लगभग 82 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. अभी कई और जगहों से रपट आनी है, ऐसे में मत प्रतिशत बढ़ सकता है.'
पुलिस ने बताया कि उपचुनाव के लिए मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को पार्टी उम्मीदवार बनाया है. पिछले साल हुए उपचुनाव में पार्टी के निवर्तमान विधायक दिव्येंदु अधिकारी के तमलुक सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.
कुछ राज्यों में सोमवार को भी उप-चुनाव के लिए मतदान होने हैं. उप-चुनाव के लिए मतगणना 13 अप्रैल को होगी.