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किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, रबी की फसलों का MSP बढ़ाया

दिवाली और दशहरे से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने गेहूं के समर्थन मूल्य में 105 रुपये प्रति क्विंटल इजाफा करने के साथ रबी की अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया है.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद
पॉलोमी साहा/विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

किसानों की फसलों  की लागत पर 50 फीसदी मुनाफे के वादे पर एक और कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने गेहूं की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 105 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. इसके अलावा रबी की अन्य फसलें जैसे जौ, मसूर, सरसों और सूरजमुखी की फसलों का भी MSP बढ़ाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्र की आर्थिक मामलों की कमेटी ने रबी की फसलों का नयूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. रबी की फसलों के MSP में हुए इजाफे से देश के किसानों को 62,635 करोड़ रुपये अतिरिक्त की आय होगी.

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कैबिनेट ने गेहूं की फसल के MSP में 105 रुपये का इजाफा करते हुए 1840 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. जो लागत से 112.5 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह जौ की MSP में 30 रुपये का इजाफा करते हुए 1440 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो लागत से 67.4 फीसदी ज्यादा है.

दलहन की फसलों की बात करें तो चने की फसल का MSP 220 रुपये बढ़ाते हुए 4620 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो लागत से 75.2  फीसदी ज्यादा है. इसी तरह मसूर की फसल का MSP 225 रुपये बढ़ाते हुए 4475 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो लागत से 76.7 फीसदी ज्यादा है.

दलहन के बाद तिलहन की फसल की बात करें तो कैबिनेट ने सरसों की फसल का MSP 200 रुपपये बढ़ाते हुए 4200 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो लागत से 89.9 फीसदी ज्यादा है.

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केंद्रीय कैबिनेट ने मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है. साथ ही भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सड़क परिवहन समझौते को मंजूरी के साथ छोटे और मझोल उद्योग संबंधित समझौतों को भी मंजूरी दी है. जिस पर रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान हस्ताक्षर होना है.

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