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महामंथन के बाद मोदी-शाह ने चुने ये 9 चेहरे, क्षेत्रीय गणित के साथ चुनावी राज्यों का भी ख्याल

मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 चेहरों में दो यूपी, दो बिहार, 1 दिल्ली, 1 राजस्थान, 1 एमपी, 1 कर्नाटक और 1 केरल से हैं. इन्हें चुनने में इनका प्रशासनिक अनुभव और स्वच्छ छवि प्रमुख मापदंड रखा गया है. इसके अलावा चुनावी राज्यों को भी ध्यान में रखा गया है.

पीएम मोदी और अमित शाह (प्रतीकात्मक तस्वीर) पीएम मोदी और अमित शाह (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

मोदी कैबिनेट में रविवार को शामिल होने वाले 9 चेहरों के नाम सामने आ चुके हैं. लिस्ट साफ बताती है कि इसे तैयार करने में सभी राजनीतिक दांवपेंचों का ख्याल रखा गया है. जाति, वर्ग और राज्य का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की गई है.

आपको बता दें कि मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले 9 चेहरों में दो यूपी, दो बिहार, 1 दिल्ली, 1 राजस्थान, 1 एमपी, 1 कर्नाटक और 1 केरल से हैं. इन्हें चुनने में इनका प्रशासनिक अनुभव और स्वच्छ छवि प्रमुख मापदंड रखा गया है. इसके अलावा चुनावी राज्यों को भी ध्यान में रखा गया है.

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आपको बता दें कि बिहार कोटे से मोदी कैबिनेट में शामिल हुए अश्विनी चौबे राजनीति के पुराने चेहरे हैं. वे लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं. बिहार से बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. वहीं आर के सिंह केन्द्रीय गृह सचिव रह चुके हैं. उनकी पहचान एक दमदार आईएएस के तौर पर रही है. UP कोटे से आए सत्यपाल सिंह बागपत के सांसद हैं. पश्चिमी यूपी में बीजेपी का मजबूत चेहरा होने के साथ इनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है. सत्यपाल सिंह 1980 बैच के आईपीएस अफसर हैं. पुलिस कमिश्नर के तौर पर भी काम कर चुके हैं. शिव प्रताप शुक्ला यूपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं.  राजस्थान से आए गजेंद्र सिंह शेखावत ग्रामीण समुदाय में रोल मॉडल हैं. सिंपल जीवन जीने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं. मध्य प्रदेश से वीरेंद्र कुमार को मौका दिया गया है. वीरेंद्र कुमार अनुसूचित जाति से आते हैं. सेवा भाव से राजनीति करने वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी पहचान है. वीरेंद्र कुमार जेपी आंदोलन से निकले राजनेता हैं. कर्नाटक से कैबिनेट में शामिल हो रहे अनंत कुमार हेगड़े पांच बार सांसद रह चुके हैं. वे 28 साल में ही सांसद बन गए थे. दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले हरदीप सिंह पुरी 1974 के आईएफस अफसर हैं, अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों के जानकार हैं.

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मोदी कैबिनेट का 5 P फॉर्मूला

बताया जा रहा है कि नए मंत्रियों के चुनाव का 5 P पैमाना रखा गया था.

P- प्रोग्रेस यानी विकास

P- पैशन यानी जुनून

P- प्रोफिशिएंसी यानी निपुणता

P- पॉलिटिकल एक्युमेन यानी राजनीतिक समझ

P- प्रोफेशन एक्युमेन यानी पेशेवर अनुभव

कहां से कौन

बिहार से आर के सिंह और अश्विनी कुमार चौबे

यूपी से सत्यपाल सिंह और शिव प्रताप शुक्ला

कर्नाटक से अनंत कुमार हेगड़े

राजस्थान से गजेन्द्र सिंह शेखावत

एमपी से वीरेंद्र कुमार

दिल्ली से हरदीप सिंह पुरी

केरल से अल्फोंस कन्नथनम

 

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