
कर्नाटक बाढ़ से जूझ रहा हैं, मगर राज्य में सरकार के नाम पर सिर्फ मुख्यमंत्री हैं. 18 दिन बाद भी मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपनी कैबिनेट का गठन नहीं कर सके हैं. लिहाजा एक भी मंत्री के न होने के कारण सरकारी मशीनरी के काम पर असर पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव के लिए दिशा-निर्देश देने का दारोमदार सिर्फ मुख्यमंत्री और अधिकारियों पर है.
कर्नाटक में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते सूबे का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ से कर्नाटक के हालात इस कदर खराब हैं कि बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी राज्य का दौरा कर चुकीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक में अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित जिलों से चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सका है. कोस्टल कर्नाटक, चिकमंगलूर, हसान, कोडागू और शिवमोगा जिले प्रभावित हैं.
शाह ने कहा- पहले बाढ़ राहत पर ध्यान दें
बीएस येदियुरप्पा बीते सात अगस्त को मंत्रिमंडल गठन पर चर्चा के लिए दिल्ली पहुंचे थे. गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति से वह भेंट करने वाले थे. मगर बाद में उन्हें दिल्ली का दौरा रद्द कर बीच में ही लौटना पड़ा. बाद में येदियुरप्पा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे कहा कि पहले राज्य में बाढ़ राहत और पुनर्वास कार्यों पर ध्यान दें. इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा. हालांकि उससे पहले येदियुरप्पा कर्नाटक के मुद्दों को देखने वाले केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके थे. उन्होंने रेल राज्यमंत्री और बेलगाम के सांसद सुरेश अंगाडी से भी भेंट की थी.
कब शपथ लिए थे येदियुरप्पा
अल्पमत में आने के बाद जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी. कई दिनों की उठापटक के बाद बीजेपी ने सरकार बनाई. 26 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली थी. क्योंकि अब तक बीएस येदियुरप्पा बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ रायशुमारी कर मंत्रियों की लिस्ट नहीं तैयार कर सके हैं.