
चर्चित कंपनी कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) के मालिक और पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ के अचानक लापता होने के बाद कर्नाटक में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. जेडीएस और कांग्रेस दोनों ने ही केंद्र सरकार के रवैये की आलोचना की है. साझा सरकार के पतन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सिद्धार्थ के लापता होने पर केंद्र सरकार पर दोष मढ़ा और कहा कि आयकर विभाग के लोग उन्हें परेशान कर रहे थे.
कर्नाटक के चर्चित शख्सियतों में शुमार किए जाने वाले वीजी सिद्धार्थ 29 जुलाई को मंगलुरू आ रहे थे और रास्ते में सोमवार शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतर गए और वहीं पर टहलने लगे. हालांकि टहलने के दौरान ही वह वहां से लापता हो गए. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया. इस हाई प्रोफाइल केस को लेकर पुलिस विभाग उनकी तलाश में जुटा है.
एक मछुआरे का दावा
इस बीच एक स्थानीय मछुआरे का दावा है कि उसने शाम 7 बजे एक शख्स को नदी में कूदते देखा. वह एक छोटी नाव में था और वहां से वह कुछ दूरी पर कूदे. उसने उस जगह पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उन्हें तलाश नहीं पाया.
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कुमारस्वामी ने कहा, 'सुबह जब से मैंने यह खबर सुनी है, मैं चौंक गया. कोई नहीं जानता कि आयकर विभाग क्या चाहता है. अधिकारी बॉडी की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कई ग्रामीणों को जीवन दिया. सिद्धार्थ ने कई चुनौतियों का सामना किया. वे कई युवाओं के रोल मॉडल थे.'
कुमारस्वामी ने कहा, ' मेरी उनसे मुलाकात 7 महीने पहले ही हुई थी. मुलाकात के दौरान उन्होंने आयकर विभाग के टैक्स छापे के बारे में बात की थी, लेकिन उनके खिलाफ किसी तरह के कोई आरोप तय नहीं किया गया था. लेकिन हमने मीडिया में आया उनका अंतिम खत देखा, यह चौंकाने वाला है. उनके दोस्तों ने उनसे अपनी पूंजी बेचने की सलाह दी थी, लेकिन कुछ विभागों के साथ उनका कुछ मामला चल रहा था.
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने आगे कहा कि आयकर विभाग अपने पावर का दुरुपयोग कर रहा है. कानूनी कार्रवाई अलग है. वे कुछ भी करने को स्वतंत्र हैं, इस समय उनके हाथ फ्री हैं और इस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.'
दूसरी ओर कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार ने पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग की. शिवकुमार ने कहा, 'मैंने जांच की मांग की है. वे देश की एक पूंजी की तरह हैं. हम नहीं जानते कि वह गायब हो गए या फिर कोई उन्हें लेकर चला गया.
देशभर में 1,758 कैफे
कैफे कॉफी डे की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलुरू के ब्रिगेड रोड से हुई. पहली कॉफी शॉप इंटरनेट कैफे के साथ खोली गई. शुरुआती 5 सालों में कुछ कैफे खोलने के बाद सीसीडी आज देश की सबसे बड़ी कॉफी रिटेल चेन बन गई है. इस समय देश के 247 शहरों में सीसीडी के कुल 1,758 कैफे चल रहे हैं.
खास बात यह है कि कंपनी फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम नहीं करती और सभी कैफे कंपनी के अपने हैं. कंपनी का मूल्य करीब 3254 करोड़ रुपये है और साल 2017-18 में कंपनी ने 600 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया था. पीटीआई के अनुसार जनवरी, 2019 में आयकर विभाग ने माइंडट्री के 74.90 लाख शेयर अटैच कर लिए थे जिसमें 22.20 लाख शेयर कॉफी डे इंटरप्राइजेज के हैं जबकि 52.70 लाख शेयर प्रोमोटर वीजी सिद्धार्थ के पास थे.
13 फरवरी, 2019 को आयकर एक्ट 1961 की 281B की धारा के तहत सिद्धार्थ को कैफे कॉफी डे इंटरप्राइजेज के 46,01,869 शेयर अटैच करने का आदेश मिला था. माइंडट्री में 21 फीसदी शेयर का मालिकाना हक सिद्धार्थ के पास है.
गायब होने से पहले सिद्धार्थ ने एक लेटर लिखा था जिसमें उन्होंने कहा, 'आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी ने मुझे काफी प्रताड़ित किया. पूर्व डीजी ने 2 मौकों पर मेरे शेयर अटैच कर लिए जिससे माइंडट्री के साथ हमारे सौदे में रुकावट आ गई. बाद में उन्होंने हमारे शेयरों की बिकवाली भी कर दी, जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था. इसकी वजह से हमें नकदी की काफी समस्या झेलनी पड़ी.