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पंजाब में AAP के 31 कैंडिडेट दूसरी पार्टियों से आए नेता

आम आदमी पार्टी से टिकट मिलने वालों में 11 उम्मीदवार अकाली दल छोड़कर आए हैं और बीजेपी छोड़ने वाले तीन लोगों की पार्टी ने टिकट दिया है. यही नहीं AAP ने बीएसपी और अन्य दलों के बागी लोगों को भी पार्टी का टिकट थमाया है.

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 11 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राजनीतिक मंचों से हमेशा ये कहते आए हैं कि पंजाब में अकाली-बीजेपी और कांग्रेस आपस में मिल हुए हैं और इन दोनों ही पार्टियों की कोशिश है की पंजाब में AAP की सरकार किसी भी हाल में ना बनने दी जाएं. लेकिन जब टिकटों के ऐलान की बात आती है तो शायद अरविंद केजरीवाल अपनी कही बात को भूल जाते हैं क्यूंकि आम आदमी पार्टी ने अब तक जारी की गई अपनी लिस्ट में 31 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दी है जो चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं.

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पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 16 उम्मीदवार ऐसे हैं जो कांग्रेस पार्टी छोड़कर चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. इसके बाद अकाली दल नंबर आता है. आम आदमी पार्टी से टिकट मिलने वालों में 11 उम्मीदवार अकाली दल छोड़कर आए हैं और बीजेपी छोड़ने वाले तीन लोगों की पार्टी ने टिकट दिया है. यही नहीं AAP ने बीएसपी और अन्य दलों के बागी लोगों को भी पार्टी का टिकट थमाया है.

ऐसे में पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट रहा है जो सालों से पंजाब में पार्टी की नींव तैयार करने में जुटे थे. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी में आए दिन बगावत की खबरें आती रहती हैं. बागी नेता को टिकट देने के सवाल पर पार्टी प्रवक्ता चंद्रसुता डोगरा ने कहा कि दूसरी पार्टियों से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए उन लोगों को टिकट दिया गया है जो कि साफ और ईमानदार छवि के हैं और कांग्रेस और अकाली-बीजेपी में रहते हुए ये तमाम लोग अपने आप को फंसा हुआ महसूस कर रहे थे. इन नेताओं की छवि एकदम साफ है इसी वजह से इन्हें पार्टी का टिकट दिया गया है.

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आम आदमी पार्टी की तरफ से ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर अकाली दल ने AAP पर कांग्रेस के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है. अकाली दल के प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह की बंद कमरे में मीटिंग हो चुकी है जिसके अंदर दोनों में तय हुआ है कि आम आदमी पार्टी कमजोर उम्मीदवारों को कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ मैदान में उतारेगी और इसी के चलते दूसरी पार्टी से निकाले जा चुके या पार्टी छोड़ चुके कमजोर लोगों को टिकट दिया जा रहा है. इससे कांग्रेस को पंजाब में जीत दिलवाने में आम आदमी पार्टी उनकी सहायता कर रही है.

टिकट के इस खेल पर कांग्रेस का कहना है कि आम आदमी पार्टी को पंजाब में अकाली दल ने अपनी B टीम के तौर पर खड़ा किया है और अकाली दल की कोशिश है कि AAP की मदद से कांग्रेस के वोट बैंक को तोड़ा जा सके और इसी वजह से आम आदमी पार्टी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दे रही है जो अकाली-बीजेपी गठबंधन को जिताने में मदद कर सके.

पंजाब की राजनीति में कुल मिलाकर किसी भी पार्टी के लिये कोई भी अछूता नहीं रह गया है. त्रिकोणीय मुकाबले में अकाली-बीजेपी गठबंधन हो, कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी, इन तमाम पार्टियों को दूसरी पार्टी छोड़कर आ रहे नेता अचानक ही अच्छे लगने लगे हैं और इसी वजह से तीनों पार्टियां एक-दूसरे की पार्टी छोड़कर या निकाले जा रहे नेताओं को अपने साथ जोड़ने में लगी हुईं हैं.

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