
विवादों में उलझे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के डायरेक्टर आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है. आलोक वर्मा की जगह संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सीबीआई निदेशक की अंतरिम जिम्मेदारी दी गई है.
इसके साथ ही सीबीआई मुख्यालय के दो फ्लोर भी सील कर दिए गए हैं. वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आलोक वर्मा को हटाना गैर कानूनी है और इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
दूसरी तरफ सीबीआई के नंबर एक और नंबर अफसरों का यह विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है जब भ्रष्टाचार से जुड़े कई अहम केस की जांच एजेंसी कर रही है. सीबीआई के पास जहां इस वक्त नीरव मोदी-मेहुल चोकसी और विजय माल्या के केस हैं तो वहीं एजेंसी लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े स्कैम केस की भी जांच कर रही है.
सीबीआई में लंबित केस
- आईआरसीटीसी स्कैम केस, जो कि लालू यादव परिवार से जुड़ा है.
- एयरसेल मैक्सिस केस, जो कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम से जुड़ा है.
- आईएनएक्स मीडिया केस, जो कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम से जुड़ा है.
- पीएनबी स्कैम, जो नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से जुड़ा है.
- बैंक लोन केस, जो विजय माल्या से जुड़ा है.
- अगस्ता वेस्टलैंड केस, जो यूपीए सरकार और पूर्व आईएएफ चीफ से जुड़ा है.
- स्टर्लिंग बायोटेक केस, इसी केस को लेकर सीबीआई अफसरों में विवाद सामने आया.
- रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस.
- सृजन घोटाला, जिसके लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगते रहे हैं.
- गुटका स्कैम, जिसमें तमिलनाडु के कई नेताओं और आला अधिकारियों के नाम जुड़े हैं.
- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस, इसमें सत्ताधारी जेडीयू समेत बिहार के कई रसूखदारों के शामिल होने का शक.
- दाती महाराज रेप केस
इन बड़े मामलों के अलावा राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले की जांच को लेकर भी मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने सीबीआई का दरवाजा खटखटाया है, हालांकि अब तक एजेंसी ने इस पर केस दर्ज नहीं किया है.
सीबीआई में दर्ज केस
सीबीआई ने साल 2018 में जनवरी से जून के बीच भ्रष्टाचार के 314 केस दर्ज किए हैं. जबकि 2017 में ऐसे 632 केस दर्ज हुए थे. इससे पहले 2016 और 2015 की बात की जाए तो क्रमश: 673 और 617 केस दर्ज हुए. वहीं, जून 2014 से दिसंबर 2014 तक 346 केस दर्ज हुए थे. यह जानकारी पीएमओ में मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी थी. यानी मोदी सरकार के कार्यकाल में जून 2014 से जून 2018 तक भ्रष्टाचार के कुल 2582 केस दर्ज हुए हैं.