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राम रहीम से जज ने कहा- भक्त मानते थे 'भगवान', तुमने जंगली जानवरों जैसे काम किया

अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है. अदालत ने माना, ''दोषी ने खुद को भगवान के रूप में पेश किया और अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए मासूम लड़कियों के साथ रेप किया.

जज ने गुरमीत राम रहीम को सुनाई 20 साल की सजा जज ने गुरमीत राम रहीम को सुनाई 20 साल की सजा
जावेद अख़्तर
  • रोहतक, हरियाणा,
  • 29 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप का दोषी मानते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपने फैसले में गुरमीत पर बेहद सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि जो लड़कियां गुरमीत राम रहीम को भगवान की तरह पूजती थीं, उसने उन्हें के साथ घिनौनी हरकत की.

जंगली जानवर जैसी हरकत

सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में गुरमीत पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर माना. कोर्ट ने कहा कि दोषी ने अपनी ही अनुयायियों के साथ जंगली जानवर जैसा बर्ताव किया है, इसलिए वो दया का हकदार नहीं है.

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कोर्ट ने कहा, ''दोषी ने उन साध्वियों के साथ यौन शोषण किया जो उन्हें पिता की तरह मानती थीं और भगवान की तरह पूजती थीं. ऐसा करके दोषी ने उनका विश्वास तोड़ा है और पीड़ितों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया है. पीड़िता गुरमीत राम रहीम के संरक्षण में डेरा में रहती थीं जहां उनके साथ ये हरकत की गई. ऐसे में ये कस्टोडियल रेप से कम नहीं है.

रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस

अदालत ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है. अदालत ने माना, ''दोषी ने खुद को भगवान के रूप में पेश किया और अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए मासूम लड़कियों के साथ रेप किया. इसका असर पूरे समाज पर होगा. ऐसे में ये केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में आता है. जिसके लिए दोषी अधिकतम सजा का हकदार है.''

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परंपरा पर आघात

सीबीआई अदालत के जज ने कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को नरमी पाने का कोई हक नहीं है जिसे न तो इंसानियत की चिंता है और न ही उसके स्वभाव में दया-करूणा का कोई भाव है. उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक संगठन की अगुवाई कर रहे व्यक्ति की ओर से किए गए ऐसे आपराधिक कृत्य से देश में सदियों से मौजूद पवित्र आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संस्थाओं की छवि धूमिल होना तय है.

कोर्ट ने ये भी कहा कि दोषी एक असरदार व्यक्ति है. ऐसे में अगर उसे अधिकतम से कम सजा दी गई तो ये राष्ट्र की सामूहिक चेतना को झटका देने जैसा होगा.

गुरमीत ने कोर्ट में रखा ये पक्ष

दोषी ने कोर्ट में कहा कि उसकी उम्र 50 साल है. वो पिछले 8 साल से हाइपरटेंशन, डाइबिटीज और कमर दर्द की समस्या से पीड़ित है. गुरमीत ने ये भी दलील दी कि वो सामाजिक काम में लगा हुआ है. गुरमीत ने डेरा के सामाजिक कार्यों की एक बुकलेट भी कोर्ट में पेश की. गुरमीत ने कहा कि मैं कानून का पालक हूं, इसलिए मुझे कम से कम सजा दी जाए.

हरियाणा सरकार फेल

गुरमीत राम ने बताया कि वो हरियाणा में बहुत सामाजिक काम करते हैं, जो वहां की सरकार करने में फेल है.  

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महात्मा गांधी के विचारों का हवाला

कोर्ट ने अपने फैसले के एक बिंदू में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का भी जिक्र किया. कोर्ट ने महात्मा गांधी के हवाले से लिखा ''महिला का कमजोर मानना उसका अपमान करना है, ये पुरुषों द्वारा उनके प्रति अन्याय होगा. अगर मजबूती से मतलब कठोरता से है तो हां महिलाएं पुरुषों से कम निर्दयी हैं. अगर ताकत का मतलब नैतिक ताकत से है तो महिलाएं इसमें पुरुषों से ऊपर हैं.

बता दें कि साल 2002 में डेरा आश्रम में रहने वाली एक साध्वी ने चिट्ठी के जरिए डेरा प्रमुख पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. कोर्ट के आदेश पर साल 2001 में सीबीआई को जांच सौंपी गई. जिसके बाद 25 अगस्त को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरमीत को रेप का दोषी करार दिया था. 

 

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