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CBI की छापेमारी और राफेल मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, चर्चा पर नहीं बनी सहमति

राज्यसभा में सपा और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के बनाए गतिरोध को खत्म करने के लिए उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस के उच्च सदन में उपनेता आनंद शर्मा और सपा के रामगोपाल यादव के साथ बैठक की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

संसद (फोटो-रॉयटर्स) संसद (फोटो-रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

खनन घोटाले में सीबीआई जांच की आंच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंचने और राफेल मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद में जमकर हंगामा किया. राज्यसभा में सपा और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के बनाए गतिरोध को खत्म करने के लिए उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस के उच्च सदन में उपनेता आनंद शर्मा और सपा के रामगोपाल यादव के साथ बैठक की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

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सूत्रों के अनुसार, उपसभापति ने शर्मा और यादव से सदन में कामकाज सुचारू रूप से चलने देने की अपील की. रामगोपाल यादव ने सभापति से यूपी में खनन से जुड़े एक लंबित मामले में सीबीआई जांच के दायरे में सपा नेताओं को लाने की अटकलों का हवाला दिया. उन्होंने सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर सदन में चर्चा कराने की मांग की थी.

कांग्रेस के शर्मा ने राफेल मामले में संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था. सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सुबह बैठक शुरू होने पर सदन को सूचित किया कि उन्हें कुछ सदस्यों से कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने अस्वीकार कर दिया है. इसके बाद सपा, बसपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे जिसके बाद नायडू ने बैठक को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था.

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दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा था जिसके कारण उपसभापति हरिवंश ने बैठक को 15 मिनट के लिए स्थगित किया. इस बीच उन्होंने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की. सभापति कार्यालय में बैठक के दौरान हरिवंश ने विपक्ष के नेताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि यादव सदन में अपनी बात रखें. उन्होंने इसके लिए सदन की बैठक को सुचारू बनाने की दोनों नेताओं से अपील की.

उप सभापति की विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में की गई अपील इसलिए बेनतीजा रही क्योंकि बाद में उच्च सदन की बैठक जब फिर शुरू हुई तब हरिवंश ने रामगोपाल यादव से अपनी बात रखने का फिर अनुरोध किया. यादव अपने स्थान पर खड़े भी हुए किंतु उन्होंने सदन में हो रहे हंगामे का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सदन में हंगामा थमने के आसार न देखते हुए उप सभापति ने दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.

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