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देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को गलत करार दिया और उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि, अभी भी आलोक वर्मा पर लटकी हुई जांच की तलवार बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई केस में सुनाए गए फैसले की बड़ी बातें क्या हैं...
1. केंद्र सरकार द्वारा CBI चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला बिल्कुल गलत. सरकार के पास सीबीआई चीफ को छुट्टी पर भेजे जाने का कोई अधिकार नहीं. दो व्यक्तियों के बीच की लड़ाई के बीच पद की गरिमा रखना काफी जरूरी है.
2. सिर्फ एक हाई लेवल कमेटी ही इस प्रकार का फैसला ले सकती है. इस कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल हैं.
3. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही आलोक वर्मा दोबारा सीबीआई के चीफ के पद पर तैनात हो जाएंगे, हालांकि वह अपने बचे हुए कार्यकाल में कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले पाएंगे.
4. आलोक वर्मा पर जो आरोप लगाए गए हैं और उनपर जो भी जांच चल रही है, वह सभी जारी रहेंगे. अगले सात दिनों में हाई लेवल कमेटी (PM, CJI, LoP) इस पर अपना निर्णय सुनाएगी. अगर आलोक वर्मा के खिलाफ किसी एक्शन की जरूरत होती है तो वह यही कमेटी तय करेगी. तब तक आलोक वर्मा कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे.
5. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही सीबीआई में अब सभी पद पहले की तरह ही हो जाएंगे. यानी आलोक वर्मा सीबीआई चीफ, राकेश अस्थाना सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर, एम. नागेश्वर राव स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात होंगे.
आपको बता दें कि बीते साल अक्टूबर में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच मनमुटाव की बात सामने आई थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था, इसी फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट में गए थे. आलोक वर्मा 1 फरवरी, 2017 को सीबीआई के चीफ बने थे.