
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोर्ट से कहा है कि कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसलिए कार्ति चिदंबरम का नार्को टेस्ट (झूठ पकड़ने वाला परीक्षण) कराने की अनुमति दी जाए.
विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने कहा कि अदालत नौ मार्च को इस मामले पर दो अन्य आवेदनों के साथ विचार करेगी. अन्य दो आवेदनों में कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भाष्करण और सह आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की पेशी वारंट की मांग की गई है. भाष्करण को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है.
6 दिन की सीबीआई हिरासत के बाद कार्ति को मंगलवार को तीन और दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था. अदालत ने कहा था कि सच्चाई तक पहुंचने के वास्ते सबूत जुटाने के लिए जांच की निरंतरता बरकरार रखने के लिए कार्ति की हिरासत बढ़ाना जरुरी है.
सीबीआई ने तीसरे आवेदन में इंद्राणी मुखर्जी का बयान फिर से लेने की इजाजत मांगी है. सीबीआई का मानना है कि इस पूरे केस में इंद्राणी मुखर्जी के बयान बेहद अहम है. लेकिन इंद्राणी ने जो आरोप लगाए उन्हें कार्ति ने मानने से इनकार कर दिया. जिसके चलते सीबीआई ने कार्ति का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है.
बता दें कि कार्ति चिदंबरम पर घूस लेने का आरोप है. हालांकि, वो लगातार कह रहे हैं कि उनके पिता की छवि खराब करने के लिए ये बदले की राजनीति उनके खिलाफ की जा रही है.