
17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से एक बार जनता ने बीजेपी की हेमा मालिनी को चुनाव जिताकर भेजा है. किसी जमाने में अपने अपने के लिए मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा लगातार दूसरी बार लोकसभा सांसद चुनी गई हैं. लेकिन इस बार वह पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आ रही हैं. वह संसद में अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठा रही हैं साथ ही राष्ट्रीय समस्याओं की ओर भी उनका ध्यान है.
लोकसभा में उन्होंने गुरुवार को डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए इससे पैदा होने वाली समस्याओं की ओर सदन का ध्यान दिलाया. हेमा ने अपने भाषण में कहा कि डॉक्टरों को देश में भगवान का दर्जा दिया जाता है और उनके साथ मारपीट नहीं होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की ताकि डॉक्टरों के ऐसी घटनाओं के बाद हड़ताल पर न जाना पड़े.
हेमा मालिनी न सिर्फ सदन में देश के मुद्दों को उठा रही हैं बल्कि अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा की जनता के प्रति भी सजग दिख रही हैं. उन्होंने गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनके समाने मथुरा के विकास का मुद्दा उठाया. हेमा ने पीएम मोदी से खास तौर पर अपने क्षेत्र के लिए पीने का साफ पानी की व्यवस्था करने की मांग की. इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि पानी के पानी के लिए कई परियोजनाएं अभी पाइप लाइन में हैं और इसके लिए जल संरक्षण की दिशा में भी काम किया जा रहा है.
इस कड़ी में हेमा मालिनी ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी मुलाकात की है. उन्होंने शिक्षा मंत्री से अपने क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने की अपील की है ताकि उनके क्षेत्र के बच्चों को इसका लाभ मिल सके. हेमा ने पिछले दिनों लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव को मुद्दे पर भी चर्चा की थी और जमकर मोदी सरकार की तारीफ की. उन्होंने केंद्र सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उज्जवला, सौभाग्य और शौचालय बनाने से लोगों को काफी फायदा हुआ है.
खराब था पिछला रिकॉर्ड
पीआरएस के आंकड़ों के मुताबिक 16वीं लोकसभा में हेमा मालिनी का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा था और सदन में उनकी उपस्थिति 40 फीसदी से भी कम रही. उन्होंने सदन की सिर्फ 17 चर्चाओं में हिस्सा लिया था जबकि औसतन कोई भी सांसद ऐसी 67 चर्चाओं में हिस्सा लेता है. हालांकि उन्होंने पिछले कार्यकाल में विभिन्न मुद्दों पर 210 सवाल जरूर पूछे थे, लेकिन उनकी ओर से कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल सदन में नहीं लागा गया था.