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अर्धसैनिक बल के जवानों की शहादत पर परिजनों को 1 करोड़ का मुआवजा!

राजनाथ ने बीएसएफ द्वारा अर्धसैनिक बल के जवानों की समस्याओं के समाधान के लिये विकसित दो मोबाइल ऐप को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि अब वह स्वयं इस ऐप के जरिये जवानों से महज एक क्लिक दूर महसूस कर रहे हैं.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह गृहमंत्री राजनाथ सिंह
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:19 PM IST

केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों के जवानों की शहादत पर 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने पर विचार कर रही है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अर्धसैनिक बल के जवानों की शहादत पर परिजनों को केन्द्रीय सहायता के तौर पर कम से कम एक करोड़ रुपये देने पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के शहीदों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देती है.

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गृहमंत्री ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से जवानों की समस्याओं के हल के लिए डेवलप किए गए दो मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत करते हुए यह जानकारी दी.

34 हजार जवानों को मिला प्रमोशन
उन्होंने स्वीकार किया कि देश की सुरक्षा में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों के जीवन में परेशानियां हैं. इन्हें आर्थिक मदद के अलावा तकनीकी इस्तेमाल के जरिए भी न्यूनतम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सिंह ने कहा कि पिछले 20-25 सालों से चल रही व्यवस्था में सिपाहियों का प्रमोशन नहीं हुआ था. इसका पता चलते ही हमने 34 हजार जवानों को प्रोन्नत कर हेड कॉंस्टेबल बनाया. इसी तरह हमारा मानना है कि सीएपीएफ के जवानों की शहादत पर परिजनों को कम से कम एक करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता राशि दी जाए. ताकी शहीद के परिवार का भविष्य सुगम बन सके.

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जवानों के इलाज खर्च पर सरकार लेगी फैसला
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय सैन्य अभियान में घायल हुए जवानों के अस्पताल में भर्ती रहने तक के इलाज का खर्च सरकार वहन करती है. इस व्यवस्था का दायरा बढ़ा कर अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक होने तक इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने पर भी विचार किया जा रहा है. जल्द ही दन दोनों फैसलों की आधिकारिक घोषणा की जायेगी.

क्रांतिकारी साबित होगा मोबाइल ऐप
राजनाथ ने बीएसएफ द्वारा अर्धसैनिक बल के जवानों की समस्याओं के समाधान के लिये विकसित दो मोबाइल ऐप को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि अब वह स्वयं इस ऐप के जरिये जवानों से महज एक क्लिक दूर महसूस कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप पर मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण की हर महीने वह स्वयं समीक्षा करेंगे. साथ ही उन्होंने जवानों से अनुरोध किया कि वे ड्यूटी से जुड़ी समस्याओं के लिए पहले अपने बल में मौजूद व्यवस्था के तहत समाधान कराने का प्रयास करें. समाधान नहीं होने पर फिर मोबाइल ऐप के जरिये मंत्रालय को सूचित करें.

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