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मॉब लिंचिंग पर मोदी सरकार अब जागी है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को इस तरह की घटनाओं को रोकने का निर्देश जारी किया. सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर बच्चा चोरी की फैली अफवाह के बाद मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं.
एक सीनियर अफसर ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों से बच्चा चोरी की अफवाह के चलते भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार दिए जाने की घटनाओं को रोकने की दिशा में कदम उठाने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से इस तरह की किसी भी अफवाह पर नजर रखने का निर्देश देते हुए इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है. राज्य और केंद्र प्रशासित राज्यों से कहा गया है कि वे जिला प्रशासन को संवेदनशील इलाकों की पहचान करने और इस संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश जारी करें.
बच्चों के अपहरण की शिकायतों से चिंतित केंद्र सरकार ने इन मामलों में उचित जांच पड़ताल करने को कहा है. हाल के दिनों में देश में कई जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं. झूठी अफवाहों पर भरोसा कर भीड़ ने कितनों को मौत के घाट उतार दिया तो कइयों को घायल कर दिया.
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महाराष्ट्र में पिछले 25 दिनों में मॉब लिंचिंग की 14 घटनाओं पर अगर गौर करें तो कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं. अधिकतर घटनाओं में जहां पीड़ित स्थानीय निवासी न होकर पड़ोस के गांव, शहर व राज्यों से संबंधित पाए गए. वहीं झूठी अफवाहों पर भरोसा कर आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर घटना को अंजाम देते हुए पाए गए. पिछले 25 दिनों में हुई मॉब लिंचिंग की इन घटनाओं में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 घायल हुए हैं. पीड़ितों में बोलने-सुनने में असमर्थ, मानसिक रूप से कमज़ोर और मजदूर तक शामिल हैं.
औरंगाबाद ग्रामीण, नंदूरबार और गोंदिया समेत 11 जिलों के पुलिस अधीक्षकों के अनुसार अधिकतर घटनाओं में पीड़ित स्थानीय निवासी नहीं पाए गए हैं. वहीं स्थानीय निवासियों की भीड़ ने वॉट्सऐप पर बच्चा चोरों को लेकर फैली अफवाहों को सच मानकर घटनाओं को अंजाम दिया है.