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सरकार बोली- RBI की आजादी का सम्मान, लेकिन सुझाव दिया है-देते रहेंगे

RBI की स्वायत्तता पर जारी घमासान के बाद सरकार ने कहा है कि आरबीआई एक्ट के इस पक्ष के चलते केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाती है. ऐसी व्यवस्था सभी नियामकों के लिए बनाई गई है.

अरुण जेटली, केन्द्रीय वित्त मंत्री (फाइल फोटो) अरुण जेटली, केन्द्रीय वित्त मंत्री (फाइल फोटो)
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

केन्द्रीय रिजर्व बैंक और केन्द्र सरकार में जारी तनातनी के बीच केन्द्र सरकार ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि आरबीआई एक्ट के तहत केन्द्रीय बैंक को दी गई स्वायत्तता का पूरा सम्मान करती है.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक दोनों के लिए जरूरी है कि वह जनहित और देश की अर्थव्यवस्था की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम करें.

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RBI की स्वायत्तता पर जारी घमासान के बाद सरकार ने कहा है कि आरबीआई एक्ट के इस पक्ष के चलते केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाती है. ऐसी व्यवस्था सभी नियामकों के लिए बनाई गई है.

केन्द्र सरकार ने अपने बयान में कहा कि उसने कभी भी केन्द्रीय बैंक के साथ की गई चर्चा का ब्यौरा जनता के सामने नहीं रखा है और महज अंतिम फैसला ही जनता के सामने लाया जाता है. इन्ही चर्चाओं में केन्द्र सरकार कई आर्थिक चुनौतियों पर अपना पक्ष रखने का काम करती है और इन चुनौतियों को हल करने के लिए अपना सुझाव देती है. लिहाजा, केन्द्र सरकार भविष्य में भी अहम विषयों पर चर्चा करने और चुनौतियों को हल करने के तरीकों पर अपना पक्ष रखती रहेगी.

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RBI और सरकार के बीच और बढ़ी तकरार, इस्तीफा दे सकते हैं उर्जित पटेल

बीते कुछ दिनों से केन्द्रीय बैंक और केन्द्र सरकार के रिश्तों में खींचतान की स्थिति बनी हुई है. इस खींचतान के चलते कयास लगाया जा रहा है कि केन्द्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर स्वायत्तता के मुद्दे पर अपना इस्तीफा दे सकते हैं.

गौरतलब है कि बीते हफ्ते आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने जगजाहिर किया. आचार्य ने कहा कि केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर हमला देश के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.

विरल के इस बयान के तुरंत बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश में बैंकों के सामने खड़ी एनपीए की समस्या के लिए केन्द्रीय बैंक को जिम्मेदार ठहराया. जेटली ने दावा किया कि 2008 से 2014 के बीच देश के बैंकों ने बड़े स्तर पर कर्ज देने का काम किया. वहीं जेटली ने आरोप लगाया कि इस दौरान रिजर्व बैंक ने अपनी भूमिका से उलट इतने बड़े स्तर पर दिए जा रहे कर्ज की प्रक्रिया की अनदेखी की.

इसके बाद सोमवार को दोनों उर्जित पटेल और अरुण जेटली ने एक महत्वपूर्ण बैठक में शिरकत की. लेकिन इस बैठक के बाद भी केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच जारी खींचतान के कयास को लगाम नहीं लगी.

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वहीं बुधवार को केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात सामने आई. इस सेक्शन के तहत केन्द्र सरकार जनहित में अहम मुद्दों पर आरबीआई को फरमान देने का काम कर सकती है. सेक्शन 7 को चूंकि देश में पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे में इस बात को और बल मिलता है कि उर्जित पटेल इसे अपने अधिकार क्षेत्र पर हमला मानते हुए इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं.

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