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एआईएडीएमके महासचिव बनने के बाद अब जयललिता की करीबी रहीं शशिकला के लिए तमिलनाडु के सीएम की कुर्सी पर बैठना भी तय लग रहा है. रविवार को मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने सीएम पद छोड़ दिया और विधायक दल की बैठक में शशिकला को नेता चुन लिया गया. सूत्रों के मुताबिक शशिकला 9 फरवरी को राज्य के सीएम का पद संभाल सकतीं हैं लेकिन कई बड़ी चुनौतियां हैं जिनका सामना शशिकला को पार्टी के भीतर और राज्य की सियासत में करना पड़ेगा.
पार्टी के अंदर की चुनौती
जयललिता की भतीजी ने शशिकला के सत्ता में आने की तुलना तख्तापलट से की. इस बीच, शशिकला नटराजन की विरोधी मानी जाने वाली राज्यसभा सांसद और पार्टी से निष्कासित नेता शशिकला पुष्पा ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर विरोध किया है. शशिकला पुष्पा ने कहा है कि आपराधिक मामले जिसके खिलाफ पेंडिंग हैं वह सीएम की कुर्सी कैसे संभाल सकता है. इसके अलावा पूर्व सांसद और एआईएडीएके वर्तमान सदस्य केसी पलानीस्वामी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर पार्टी महासचिव पद पर शशिकला के चयन को मान्यता नहीं देने की मांग की है.
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विपक्ष की चुनौती
राज्य में प्रमुख विपक्षी दल डीएमके ने भी शशिकला के सीएम बनने का विरोध किया है. डीएमके नेता स्टालिन ने इसे राज्य की जनता के खिलाफ उठाया जा रहा कदम बताया. डीएमके नेता सर्वनन ने कहा कि यह तमिलनाडु के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा. राज्य के आम लोगों के साथ ये दगाबाजी है.
पनीरसेल्वम की क्या होगी भूमिका?
जयललिता के निधन के करीब दो महीने बाद शशिकला राज्य के सीएम का पद संभालने जा रही हैं. रविवार को विधायक दल की बैठक में पनीरसेल्वम मे शशिकला का नाम प्रस्तावित किया और सीएम पद से अपना इस्तीफा भेज दिया. अब सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या पनीरसेल्वम डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे. इससे पहले शशिकला को पार्टी का महासचिव भी चुना गया था. सबसे रोचक बात ये रही कि पनीरसेल्वम ने अपने इस्तीफे में 1.41 PM के समय और जगह का भी जिक्र किया है.
शशिकला के लिए भले ही सीएम पनीरसेल्वम ने रास्ता साफ कर दिया है लेकिन आगे की राह उनके लिए इतनी आसान नहीं दिख रही. उन्हें पार्टी के अंदर और राज्य की सियासत में दोनों जगह चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.