
आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ सकता है. आईसीआईसीआई बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसकी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर के खिलाफ जारी जांच से आगे और पड़ताल की नौबत आ सकती है. इससे लागत बढ़ने के साथ उसकी साख पर भी असर पड़ेगा.
बैंक की ऑडिट कमेटी ने जून में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की. समिति का काम चंदा के खिलाफ विभिन्न आरोपों की जांच करना है. इन आरोपों में भाई-भतीजावाद, एक-दूसरे को लाभ पहुंचाना और वीडियोकॉन समूह तथा उनके पति दीपक कोचर के नियंत्रण वाली कंपनी के बीच लेन-देन में हितों का टकराव शामिल हैं.
आईसीआईसीआई बैंक ने अमेरिकी प्रतिभूति एंव विनिमय आयोग (यूएस एसईसी) को 31 जुलाई को दी सूचना में कहा कि नियामकीय और प्रवर्तनक प्राधिकरणों द्वारा जांच का जोखिम बढ़ा है. इससे हमारी साख पर असर पड़ सकता है. इससे अतिरिक्त लागत उठानी पड़ सकती है, जिससे कारोबार करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.
गौरतलब है कि जांच के चलते कोचर को छुट्टी पर भेजा गया है. वह 19 जून 2018 से छुट्टी पर हैं. इस बीच बैंक ने संदीप बख्शी को बैंक का मुख्य संचालन अधिकारी नियुक्त किया है. वह सीधे बोर्ड को रिपोर्ट करते हैं.
3,250 करोड़ के लोन में हेरा-फेरी का है आरोप
दरअसल, ICICI बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप के निवेशक अरविंद गुप्ता ने चंदा कोचर पर आरोप लगाया था कि कोचर ने वीडियोकॉन को कुल 3250 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर करने के बदले में गलत तरीके से निजी लाभ लिया. जिसके बाद मामले में बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.