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चंद्रग्रहण के दौरान देश के 10 शहरों में कैसा दिखा चांद, देखें

ये पूर्ण चंद्रग्रहण इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण बताया जा रहा है. दुनिया भर की निगाहें इस पर टिकी हैं. चंद्रग्रहण के कारण भारत में कई बड़े मंदिर दोपहर बाद ही बंद हो गए थे. 

चंद्रग्रहण चंद्रग्रहण
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST

शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भारत में शुरू हुआ. इस दौरान चांद पूरी तरह से लाल हो गया, ये चंद्रग्रहण काफी देर तक रहा. पुरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी थीं, तो इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले हुए थे.

भारत में शुरुआत में तो आंशिक चंद्रग्रहण ही रहा लेकिन बाद में इसने पूर्ण चंद्रग्रहण का रूप ले लिया. देश के कई हिस्सों में चांद के कई तरह के नज़ारें देखने को मिले. देखें, देश के 10 बड़े शहरों में चंद्रग्रहण के दौरान चांद किस तरह दिखा. 

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1. गुवाहाटी

2. लुधियाना, पंजाब3. नई दिल्ली 4. तिरुवनंतपुरम5. अमृतसर 6. वाराणसी7. जयपुर 8. गोल्डन टेंपल, अमृतसर9. चारमिनार, हैदराबाद10. नासा के द्वारा जारी की गई तस्वीर

भारत में चंद्रग्रहण (Longest total lunar eclipse) शुक्रवार देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू हुआ. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में खराब मौसम होने के कारण चांद साफ नज़र नहीं आ रहा है. आसमान में एक अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

भारत में शुक्रवार देर रात करीब 11 बजकर 54 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू हुआ. शुरुआती एक घंटे में ये आंशिक चंद्रग्रहण रहा लेकिन बाद में इसने पूर्ण चंद्रग्रहण का रूप ले लिया. इस दौरान देश और दुनिया में लोग इस अद्भुत नजारे के साक्षी बनने के लिए आसमान में टकटकी लगाए हुए देखते रहे. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में खराब मौसम होने के कारण कई जगह चांद साफ नहीं दिख पा रहा था.

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चंद्र ग्रहण क्यों होता है?

इसका सीधा सा जवाब है कि चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाना. उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है. जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है.

चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही पड़ता है

चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है लेकिन हर पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता है. इसका कारण है कि पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा का झुके होना. यह झुकाव तकरीबन 5 डिग्री है इसलिए हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता. उसके ऊपर या नीचे से निकल जाता है. यही बात सूर्यग्रहण के लिए भी सच है.

सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होते हैं क्योंकि चंद्रमा का आकार पृथ्वी के आकार के मुकाबले लगभग 4 गुना कम है. इसकी छाया पृथ्वी पर छोटी आकार की पड़ती है इसीलिए पूर्णता की स्थिति में सूर्य ग्रहण पृथ्वी के एक छोटे से हिस्से से ही देखा जा सकता है. लेकिन चंद्र ग्रहण की स्थिति में धरती की छाया चंद्रमा के मुकाबले काफी बड़ी होती है. लिहाजा इससे गुजरने में चंद्रमा को ज्यादा वक्त लगता है.

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