
हवा में प्रदूषण का घुला जहर सिर्फ राजधानी दिल्ली के लोगों को ही परेशान नहीं कर रहा, बल्कि दक्षिण के चेन्नई में भी हालात बेहतर नहीं हैं. बीते महीने चेन्नई में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना रहा. शुक्रवार को चेन्नई के लोग समुद्र तट पर सफेद झाग देखकर हैरान रह गए.
चेन्नई के प्रसिद्ध मरीना बीच पर प्रदूषण का असर साफ देखने को मिला, जब समुद्र की हर लहर अपने साथ सफेद झाग को किनारे तक ला रही थी. इस झाग के साथ ही हवा में उठने वाली दुर्गंध भी बर्दाश्त से बाहर हो रही थी.
मरीना बीच के पास ही श्रीनिवासापुरम में रहने वाले मछुआरे मुरुगन ने कहा, 'ये झाग फैक्ट्रियों और अस्पतालों की ओर से कचरा सीधे समुद्र में बहा देने की वजह से है. ये सच है और हर एक पर असर डाल रहा है.'
तट पर झाग
पर्यावरणविदों का कहना है कि इस झाग की वजह चेन्नई में बीते दो दिनों से होने वाली बारिश भी हो सकती है. बारिश की वजह से नदियों का समुद्र में बहाव तेज हो जाता है और वो अपने साथ तेजी से समुद्र में कचरा लाती है. इस वजह से भी तट पर झाग देखी जा सकती है.
एक और मछुआरे डिल्ली ने कहा, 'साल के इस वक्त में ही ऐसा होता है. नदी से जो पानी पुल के जरिए समुद्र में आता है, वही तट तक झाग को लेकर आता है.' छोटे बच्चे भी समुद्र की इस झाग के साथ खेलने लगते हैं. उन्हें ये एहसास नहीं होता कि इसके कैमिकल (रसायन) उनके शरीर को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं.
निराश मछुआरे फैक्ट्रियों और अस्पतालों को दोष देते हैं कि वो बिना ट्रीट किया कचरा नदियों और समुद्र में बहा देते हैं, बिना ये सोचे कि समुद्री जीवों या आसपास रहने वाले इनसानों के लिए ये कितना खतरनाक होता है.