
आईएनएक्स मीडिया (INX media case) से जुड़े ईडी केस में भी पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को जमानत मिल गई है. चिदंबरम को यह राहत सुप्रीम कोर्ट से मिली है. इस तरह 106 दिन हिरासत में रहने के बाद चिदंबरम के बाहर आने को हरी झंडी मिली गई है. कांग्रेस जहां इसे जीत मान रही है, वहीं बीजेपी ने चिदंबरम की जमानत पर चुटकी ली है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर पी. चिदंबरम को मिली जमानत पर टिप्पणी की है. पात्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि चिदंबरम भी कांग्रेस के OOBC क्लब में शामिल हो गए हैं. पात्रा ने इस क्लब का मतलब समझाते हुए लिखा है कि Out On Bail Club यानी उन लोगों का क्लब जो बेल पर बाहर हैं.
चिदंबरम को इस क्लब का नया सदस्य बताते हुए संबित पात्रा ने कांग्रेस के उन नेताओं के नाम भी गिनाए हैं, जो जमानत पर हैं. पात्रा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, मोतीलाल वोरा, भूपिंदर सिंह हुड्डा और शशि थरूर का नाम लिखा है.
जमानत पर क्या बोले नेता
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह जानकर अच्छा लगा कि पी. चिदंबरम को बेल मिल गई है. मैं उनका स्वागत करता हूं. वहीं, वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही बैलेंज नजरिया रखा और चिदंबरम को जमानत दी.
कार्ति चिदंबरम ने जमानत पर कहा कि निश्चित रूप से यह राहत की खबर है. मैं बहुत खुश हूं कि मेरे पिता बाहर आ रहे हैं. कार्ति ने दावा किया कि यह राजनीति से प्रेरित केस है.
बीजेपी से राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप बेल मिलने से खत्म नहीं होते हैं. सिन्हा ने कहा, 'चिदंबरम ने फूल-गोभी और सब्जियों के जरिए जो पैसे के लेन-देन का तरीका अपनाया था वह किसी से छुपेगा नहीं, देश की जनता है वह सब जानती है.'
सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति आर. भानुमति की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि कांग्रेस नेता आईएनएक्स मीडिया मामले के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे और साथ ही मामले में गवाहों को डराने का कोई प्रयास नहीं करेंगे.
अदालत ने चिदंबरम को मामले की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायाधीश की संतुष्टि के लिए दो लाख रुपये का जमानत बांड जमा करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने पाया कि जमानत संबंधी आदेश से मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.