
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस बात को एक बार फिर दोहराया है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी पूरी तरह से फेल रही है. इंडिया टुडे-आजतक से बातचीत में चिदंबरम ने एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी के मामले में सरकार अपना लक्ष्य हर दिन बदलती रहती है.
चिदंबरम ने कहा, 'एक नीतिगत साधन के रूप में नोटबंदी विफल रही है.' गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है जिससे यह पता चलता है कि नोटबंदी के बाद 99.3 फीसदी पुराने नोट बैकिंग तंत्र में वापस आ गए.
100 से ज्यादा लोगों की मौत
नोटबंदी के बाद डिजिटाइजेशन को कितना बढ़ावा मिला है, इस सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि क्या ऐसी नीति को लागू करना नैतिक कहा जाएगा जिसमें 100 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि नोटबंदी के बाद के सात महीनों में डिजिटल लेनदेन में काफी बढ़त हुई थी.
चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी की वजह से हजारों लघु उद्योग ईकाइयां बंद हो गईं, लाखों नौकरियां खत्म हो गईं, सिर्फ तमिलनाडु में पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को इतना ज्यादा दर्द देकर क्या डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देना उचित है?
क्या नोटबंदी पर श्वेतपत्र आना चाहिए
क्या नोटबंदी के बाद हुए हालात पर प्रकाश डालने के लिए एक श्वेतपत्र आना चाहिए? इस सवाल पर चिंदबरम ने कहा, 'यह सरकार कभी भी यह नहीं करेगी, तो इसकी मांग करने का कोई मतलब नहीं है.'
भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं
क्या नोटबंदी से कालेधन पर अंकुश और आतंकियों को वित्तपोषण, नकली नोटों पर अंकुश लगाने में मदद मिली, इस सवाल पर चिंदबरम ने कहा, 'क्या नोटबंदी के बाद पैसे नहीं पकड़े गए. सच तो यह है कि नोटबंदी के सात महीने के बाद ही गुजरात के कांडला पोर्ट में घूसखोरी का पहला मामला सामने आया जिसमें बड़े पैमाने पर 2000 रुपये के नोट जब्त किए गए.'