Advertisement

राजस्थान: 15 लाख रुपये की घूस लेते पकड़े गए चीफ और एडिशनल चीफ इंजीनियर

पीएचईडी विभाग का घूसखोर एडिशन चीफ इंजीनियर सुबोध जैन जब घूस लेता हुआ पकड़ा गया तो जमीन पर लेटकर मुंह छुपा लिया. घरवाले छोड़कर भाग गए और कहा कि हमारा कोई लेना-देना नही है.

एक इंजीनियर भाग गया एक इंजीनियर भाग गया
लव रघुवंशी/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 21 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

राजस्थान के जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर और एडिशनल चीफ इंजीनियर 15 लाख रुपये की घूस लेते पकड़े गए हैं. 22 हजार करोड़ रुपये के स्पेशल वाटर प्रोजेक्ट कर रही एक निजी कंपनी के बिल पास करने के एवज में ये घूस ली जा रही थी. जांच में जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी के ओएसडी आरपी गुप्ता और नजदीकी गुरप्रीत सोनी का नाम भी सामने आया है. जबकि एक इंजीनियर घूस की 15 लाख की रकम लेकर भाग गया है.

Advertisement

एसीबी 6 महीने से नजर बनाए हुई थी
पीएचईडी विभाग का घूसखोर एडिशन चीफ इंजीनियर सुबोध जैन जब घूस लेता हुआ पकड़ा गया तो जमीन पर लेटकर मुंह छुपा लिया. घरवाले छोड़कर भाग गए और कहा कि हमारा कोई लेना-देना नही है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस एडिशनल चीफ इंजीनियर को मैसर्स सुभाष प्रोजेक्ट एंड इंफ्रा के एजीएम से 5 लाख घूस लेते पकड़ा है, जबकि 10 लाख की घूस चीफ इंजीनियर आर. के. मीणा को दिए हैं. 22 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स में बिल पास करने के एवज में 37 करोड़ की रिश्वत थी तय हुई थी. जिसमें 15 लाख की एक किश्त दी जा रही थी. इस बीच रिश्वत की एक और किश्त 15 लाख एक्सीएन उदयभानू महेश्वरी ने सवाई माधोपुर में लिए थे, जो भनक मिलते ही रकम के साथ भाग गया. एसीबी के एसपी नरोत्तम शर्मा का कहना है कि 6 महीने से कार्रवाई चल रही थी, जिसमें कंपनी और जलदाय विभाग के अधिकारियों पर नजर रखी जा रही थी. मंगलवार को सुबह 6 बजे हमारी टीम पूरे राजस्थान में एक साथ कार्रवाई शुरू की गई.

Advertisement

SPML कंपनी के एजीएम और वाईस प्रेसिडेंट समेत 4 पकड़े
वर्क ऑर्डर जारी करने की एवज में भी जमकर महकमे में घूसखोरी हो रही थी. घूस देने वाली SPML कंपनी को भरतपुर में पाइप लाइन डालने का मिलने वाला था. टेंडर एसीबी की सर्विलांस में जलदाय विभाग के कई बड़े अधिकारियों के नाम सामने आए. पिछले 6 महीने से एसीबी इस मामले को ट्रैक कर रही थी. एसपीएमएल कंपनी के एजीएम प्रफुल्ल कुमार, वाईस प्रेसिडेंट केशव गुप्ता समेत चार लोगों को पकड़ा है.

ऐसे पकड़े गए
एसीबी को इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने में 6 महीने लगे. पहले शिकायत मिली थी तब सरकार से परमिशन लेकर इनके नंबर सर्विलांस पर ले लिए थे. तब से भ्रष्टाचार की पूरी कहानी सुन रहे थे. चार हजार कॉल्स की रिकार्डिंग्स की गई. सुबोध जैन ने सुबह के 6 बजे एसपीएमएल कंपनी के एजीएम प्रफुल्ल कुमार को मालवीय नगर के मॉडल टाउन में अपने घर पर घूस देने के लिए बुलाया था. बाहर एंटी करप्शन के अधिकारी तैनात थे. जैसे हीं प्रफुल्ल कुमार रिश्वत देकर बाहर आया एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी अंदर घूसे. सुबोध अंदर कमरे में भागा फिर कहने लगा कि कोई घूस की रकम नही आई है. फिर एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रफुल्ल कुमार से आमने-सामने कराया. उसके बाद जूतों के अंदर से एडिशनल चीफ इंजीनियर ने पांच लाख की रकम निकाली.

Advertisement

उसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी चीफ इंजीनियर आर. के. मीणा को रंगे हाथों पकड़ने सचिवालय पहुंचे, जहां मीणा विभाग की मीटिंग ले रहे थे. करीब एक बजे जैसे ही मीणा मीटिंग खत्म कर कमरे में आए प्रफुल्ल कुमार घूस की रकम लेकर पहुंचा. मीणा बोले- अरे ये दफ्तर में क्यों ले आया. रात को आठ बजे के बाद घर पर ले आना. मैसेज या फोन कर दूंगा. उसके बाद मीणा को पकड़ा गया. कंपनी के एग्जिक्यूटिव आकाश तोतला को भी पकड़ा है, जिसने अपनी डायरी में चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक की घूस की रकम लिखी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement