
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की योजना आयुष्मान भारत के तहत आयुष मंत्रालय देश में अगले तीन माह के भीतर चार हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलेगा. दरअसल, दिसंबर 2019 तक देश के विभिन्न राज्यों में ये हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलने शुरू हो जाएंगे. यहां आयुर्वेद, होमियोपैथी के अलावा यूनानी व सिद्धा चिकित्सा उपलब्ध होगी. इतना ही नहीं आयुष चिकित्सा को लेकर भारत जल्द ही चीन और बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने वाला है. अगस्त में दोनों देशों ने भारत के साथ करार भी किए हैं.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, बांग्लादेश अपने यहां वैकल्पिक चिकित्सा पर औषधि जांच प्रयोगशाला की स्थापना में भारत का सहयोग चाहता है इसलिए बीते 21 अगस्त को बांग्लादेश का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली पहुंचा था. इससे पहले 12 अगस्त को बीजिंग में भारत-चीन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके मंत्रालय को साढ़े 12 हजार केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य दिया है, जिनमें से 4 हजार सेंटरों की शुरुआत इसी वर्ष के अंत तक हो जाएगी. नाईक ने बताया कि चीन और बांग्लादेश के अलावा मलेशिया भी जल्द ही भारत के सहयोग से वैकल्पिक चिकित्सा सुविधा शुरू करेगा.
इन केंद्रों पर मधुमेह के लिए चर्चित और सफल दवा बीजीआर-34, सफेद दाग के लिए ल्यूकोस्किन दवा भी होगी. इन दवाओं की खोज डीआरडीओ और सीएसआईआर ने मिलकर की थी. इनकी काफी प्रशंसा भी हुई है.
सरकार के इस निर्णय का भी देश भर के आयुष विशेषज्ञों ने स्वागत किया है. एमिल फार्मा के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने कहा अहइ कि देशभर में आयुष को बढ़ावा देने का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत फिरसे विश्वगुरु बनने की दिशा में है.
मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, वर्तमान में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में 45 फीसदी सुविधाएं आयुष मुहैया करा रहा है, जिनमें 11,837 चिकित्सा अधिकारी और 4549 आयुष चिकित्सा सहायकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए नियोजित किया है.
पिछले दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में यूनानी रिसर्च सेंटर के उद्घाटन पर श्रीपद नाईक ने कहा कि यहां आयुष चिकित्सा विधि से चिकित्सीय परामर्श के अलावा जांच और दवाओं के विकल्प भी मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगे.