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चीनी अखबारों के पहले पन्ने पर छाया रहा मोदी-शी का 'ऐतिहासिक' सम्मेलन

चीनी अखबारों के पहले पन्ने पर शनिवार को मोदी-शी के 'ऐतिहासिक महत्व' वाले अनौपचारिक वुहान सम्मेलन की खबरों को अच्छी जगह मिली.

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
दिनेश अग्रहरि/अनंत कृष्णन
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:43 AM IST

चीनी अखबारों के पहले पन्ने पर शनिवार को मोदी-शी के 'ऐतिहासिक महत्व' वाले अनौपचारिक वुहान सम्मेलन की खबरों को अच्छी जगह मिली. लगभग सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर इस खबर को जगह दी और इसकी जमकर तारीफ भी की.

चीन के प्रभावी और प्रमुख सरकारी अखबार पीपल्स डेली की लीड खबर इस सम्मेलन के बारे में है और इसके पहले पन्ने पर मोदी और शी की मुलाकात की दो तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं.

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एक और प्रमुख अखबार चाइना डेली अपने संपादकीय में कहता है, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वुहान में आयोजित इस अनौपचारिक सम्मेलन की खूबसूरती यह है कि इसमें किसी तरह का बोझ नहीं बल्कि सिर्फ उम्मीदें हैं. यह पारंपरिक राजनयिक दिखावटी चीजों से मुक्त है, कुछ ऐसा जो वैश्विक मीडिया की चर्चा से परे है.'

अखबार कहता है, 'जैसी कि उम्मीद थी, शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच हुआ दिल से दिल का यह संवाद उनकी गहरी पारस्परिक केमिस्ट्री को प्रदर्शित करता है. यह दोनों पड़ोसियों के बीच पारस्परिक भरोसे में सुधार के लिए प्रेरक होगा और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों के विकास का खाका तैयार करेगा.'

अखबार ने लिखा है, 'दोनों देशों में एक-दूसरे के प्रति बने अविश्वास की वजह से सहयोग गहरा नहीं हो पा रहा है और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर साथ मिलकर काम करने में अड़चन है. पिछले साल गर्मियों में सीमा पर हुई घटना इस बात का उदाहरण है कि पारस्परिक अविश्वास क्या कर सकता है. इसके बावजूद चीन या भारत ने कभी भी एक-दूसरे को दुश्मन नहीं कहा है, जिसका मतलब यह है कि दोनों देश द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की उम्मीद रखते हैं.' 

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