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मसूद अजहर पर झुका चीन? ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए सहयोग को तैयार

पुलवामा हमले के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों पर सहयोग करने के लिए चीन तैयार होता दिख रहा है. चीन ने मंगलवार को बीजिंग में कहा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा.

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST

पुलवामा हमले के गुनहगार आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों पर सहयोग करने के लिए चीन तैयार होता दिख रहा है. चीन ने मंगलवार को बीजिंग में कहा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा. हालांकि ये कबतक संभव हो पाएगा, चीन ने इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई.

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अहम ये है कि चीन का ये बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद आया है. बता दें कि चीन मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में ग्लोबल आतंकी घोषित करने के भारत के कई प्रयासों पर अड़ंगा लगा चुका है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद मार्च महीने में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश पर चीन ने तकनीकी रोक लगा दी थी. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का ये चौथा प्रयास था.

भारत इस मामले में लगातार चीन को विश्वास में लेने की कोशिश करता रहा. मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भरोसा है कि उचित तरीके से इसका समाधान निकलेगा."  गेंग शुआंग इन खबरों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे कि क्या चीन ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के एक और ताजा प्रस्ताव पर तकनीकी रोक हटाने पर सहमति जता दी है.

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बता दें कि चीन द्वारा बार-बार अडंगा लगाए जाने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस मुद्दे को सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाकर चीन पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आग कहा कि वे दो बातें कहना चाहते है, पहला यह कि इस मुद्दे पर ज्यादा से ज्याद सदस्य देश बात करें और सहमति कायम करें तभी इस पर आगे बढ़ा जा सकता है, दूसरा ये कि इस मुद्दे पर चल रही बातचीत में कुछ प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि अगर सभी पक्ष सहमत हो जाएं तो इस मुद्दे पर आगे बढ़ा जा सकता है.

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