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पुलवामा हमले पर चीन का दोहरा रवैया, पाकिस्तानी मंत्री बोले- सबूत दीजिए

पुलवामा आतंकी हमले पर चीन ने निंदा की, हालांकि उसने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग का समर्थन करने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया. वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि हमले का ठीकरा पाकिस्तान फोड़ना सही नहीं है.

पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:40 AM IST

पुलवामा आतंकी हमले की चीन ने कड़ी निंदा की है. शनिवार को चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि कश्मीर में एक फिदायीन हमला किया गया है और इससे भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी हताहत हुए हैं तो वह स्तब्ध रह गए. आतंकवाद मानवता का एक आम दुश्मन है. चीनी पक्ष दृढ़ता से सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और इसकी कड़ी निंदा करता है. चीन के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की.

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म्युनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी गए शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि बिना जांच के भारत ने बगैर सोचे-विचारे तत्काल इस हमले का ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ दिया. यदि भारत इस घटना के संबंध में पाकिस्तान के साथ कोई सबूत साझा करता है तो पाकिस्तान जांच में पूरा सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना आसान है, लेकिन इससे समस्या का हल नहीं होगा और विश्व भी मानने को तैयार नहीं होगा.

हमारा संदेश शांति का है न कि संघर्ष: पाकिस्तान

कुरैशी ने कहा कि हमे मालूम है कि अपनी रक्षा कैसे की जाए. हम भी अपना दृष्टिकोण दुनिया के सामने रख सकते हैं. हमारा संदेश शांति का है न कि संघर्ष का. यदि भारत के पास (पुलवामा हमले में पाकिस्तान के तत्वों की संलिप्तता के बारे में) कोई सबूत है, तो उसे हमसे साझा करना चाहिए. हम पूरी ईमानदारी से जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या यह (सबूत) सही है. मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि हम सहयोग करेंगे। क्योंकि हम कोई अशांति नहीं चाहते हैं.

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पीएम मोदी ने दी थी चेतावनी

बता दें, पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमले 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इस हमले को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एलान किया कि जो भी जिम्मेदार है, उसे भारी कीमत चुकानी होगी.

चीन का दोहरा रवैया

वैश्विक स्तर पर भारत मांग करता आया है कि जैश के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डाला जाए. अगर अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवादियों की सूची में डाला जाता है तो उसपर दुनिया भर में यात्रा करने पर रोक लगेगी और उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा. चीन के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार है और वह पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है.

चीन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में कई बार रोड़ा अटका चुका है. उसने पहले भारत के कदम पर रोड़ा अटकाया और फिर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कोशिश को रोका. इस हमले के बाद चीन ने गहरा दुख जताया था, लेकिन इस बात का कोई आश्वासन नहीं दिया था कि उनका देश अजहर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने की भारत की अपील का समर्थन करेगा.

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