
नागरिकता संशोधन विधेयक पर पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्र हिंसक प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं. नागरिकता विधेयक के खिलाफ जहां विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है, वहीं केंद्र सरकार इसे अल्पसंख्यकों के हित में बता रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में कहा कि देश के मुसलमानों को इससे कोई खतरा नहीं है.
बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया. इसी बीच पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा है. गुवाहाटी में भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले छोड़े हैं. विरोध में उतरे लोगों का दावा है कि इससे मूलनिवासी ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे.
त्रिपुरा और असम के कई हिस्सों में छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी छात्र और युवा मार्च निकाल रहे हैं. कई जगह आगजनी की भी घटनाएं हुई हैं. गुवाहाटी सचिवालय के पास पुलिस कर्मियों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया है.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विरोध पर सवाल उठाते हुए असम के वित्तमंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस के राज में असम के मूलनिवासी अल्पसंख्यक हो गए थे. बंग्लादेशी घुसपैठिए मुसलमानों की संख्या असम में 36 फीसदी है. वे असम की भाषा नहीं बोलते हैं, लेकिन उनका असर 45 विधानसभा सीटों पर है.
हेमंत बिस्वा सरमा ने सवाल किया कि क्या यह असम की नस्लीय सफाई नहीं थी. दरअसल इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों की नस्लीय सफाई करना चाहती है. यह पूर्वोत्तर के राज्यों पर आपराधिक हमला है. उनके जीने के तरीके और उनके भारतीयता की सोच पर हमला है.