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भारत में हिंदुओं को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने के लिए कमेटी गठित

देश के इतिहास में पहली बार हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की याचिका पर विचार करने के लिए अल्पसंख्यक आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है.

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
संजय शर्मा/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:30 AM IST

मोदी सरकार ने अब आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. देश के इतिहास में पहली बार हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की याचिका पर विचार करने के लिए अल्पसंख्यक आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. यह कमेटी जम्मू-कश्मीर समेत आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की व्यावहारिक और संवैधानिक संभावनाओं पर विचार करेगी. इन राज्यों में हिंदुओं की संख्या बेहद कम है.

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कमेटी के अध्यक्ष जॉर्ज कुरियन

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद ग़य्यूर-उल-हसन रिज़वी ने 'आज तक' को बताया कि हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष जॉर्ज कुरियन होंगे. कुरियन आयोग के उपाध्यक्ष भी हैं. कुरियन के अलावा सुलेखा कुम्बारे और मनजीत सिंह राई कमेटी के सदस्य होंगे. ये दोनों आयोग के भी सदस्य हैं.

तीन माह में अपनी सिफारिशें सौंपेगी कमेटी

आयोग के अतिरिक्त सचिव अजय कुमार इस समिति के सचिव होंगे. रिज़वी के मुताबिक यह कमेटी तीन महीने में अपनी सिफारिशों को सौंप देगी. तीन महीनों में कमेटी जम्मू-कश्मीर, पंजाब, अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप में हिंदुओं की संख्या, स्थिति और इनके अन्य पहलुओं से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करेगी.

इन मुद्दों का अध्ययन करेगी कमेटी

कमेटी इसका भी अध्ययन करेगी कि अब तक छह अल्पसंख्यक समुदायों को किन आधार पर यह दर्जा दिया गया है? क्या संविधान के मुताबिक इन आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया जा सकता है या नहीं?

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सुप्रीम कोर्ट में की गई थी मांग

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक याचिका दायर कर इन राज्यों में हिंदुओं को बाकायदा अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उपाध्याय को अल्पसंख्यक आयोग जाने को कहा था. अब आयोग ने पहली बार इस काम के लिए कमेटी बनाकर एक कदम और आगे बढ़ा दिया है.

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