
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का कालिचक इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के दो दिन बाद भी तनाव बरकरार है. मंगलवार को कालिचक इलाके में ज्यादातर लोग घरों में ही रहे. इलाके में रविवार रात से धारा 144 लागू है. पश्चिम बंगाल में बीजेपी के एकमात्र विधायक शमिक भट्टाचार्य और उनके 10 समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. ये सभी कलियाचक की ओर जा रहे थे.
अब तक 10 गिरफ्तार
मालदा के डीएसपी प्रसून बनर्जी ने बताया कि मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वे छह दिन की हिरासत में हैं. हिंसाग्रस्त इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस थाने पर हमले और भारी रैली का मकसद कुछ और था. अब थाने पर हमले की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है.
क्या है मामला
कालियाचक में रविवार को एक समुदाय के करीब डेढ़ लाख लोग पैगंबर साहब पर अखिल भारत हिंदूमहासभा नेता कमलेश तिवारी के बयान के विरोध में मोर्चा निकाल रहे थे. इसी मोर्चे के दौरान हिंसा भड़की और पुलिस थाने पर हमला हो गया. इस दौरान एक बस और बीएसएफ की जीप को भी आग लगा दी गई. पुलिस सूत्रों का कहना है कि घटना पूर्व नियोजित थी.
'राजनीति के कारण हुई हिंसा'
सूत्रों के मुताबिक इलाके में तीनों राजनीतिक दलों तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सीपीआईएम ने हिंदू विरोधी लहर बना दी और 3 जनवरी को हिंसा भड़क गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा स्थानीय प्रशासन को आतंकित करने के लिए की गई थी. इलाके में बीएसएफ ने सुरक्षा बढ़ा दी है.
जाली नोट भी बरामद
सुरक्षा बलों और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में जाली नोट भी बरामद किए हैं, जो स्थानीय लोगों की मदद से सीमापार से आए हैं. ये देश के दूसरे हिस्सों में फैल पाते इससे पहले ही इन्हें जब्त कर लिया गया. संयुक्त टीम ने संदिग्धों की एक लिस्ट भी बनाई है, जिन पर नजर रखी जा रही है.