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दिल्ली में शुरू कौन बनेगा मेयर कॉन्टेस्ट? मनोज तिवारी के घर लगी पार्षदों की भीड़

एमसीडी चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद अब “कौन बनेगा मेयर” सवाल उठ रहा है. ये सवाल इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इस बार बीजेपी ने सभी पार्षदों के टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव लड़ाया था.

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी
कपिल शर्मा/विवेक शुक्ला
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  • 28 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

एमसीडी चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद अब “कौन बनेगा मेयर” सवाल उठ रहा है. ये सवाल इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इस बार बीजेपी ने सभी पार्षदों के टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव लड़ाया था. एमसीडी के कानून के मुताबिक पहले साल तीनों एमसीडी में महिला मेयर होगी, इसलिए महिला पार्षदों के मन में भी मेयर की कुर्सी को लेकर उम्मीदें उड़ान भर रही हैं.

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मनोज तिवारी के घर नए पार्षदों का तांता

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी आजकल घर पर नए पार्षदों से घिरे हैं. मकसद तो जीत के बाद अपने नेता को बधाई देना और उनका आभार जताना है, लेकिन इस बहाने मेयर की कुर्सी पर नज़रें लगाए पार्षद अपना चेहरा चमकाने में भी पीछे नहीं रहते. कोई अपनी जीत का मार्जिन बताकर अपनी ताकत बताता है, तो कोई पार्टी के लिए किए गए कामों का अनुभव गिनाता है. कोशिश यही होती है कि अब पार्षद बनने के बाद एमसीडी में कोई पद भी हाथ लग जाए. महरौली से जीतकर आयी आरती सिंह के पति गजेंद्र सिंह दिल्ली प्रदेश बीजेपी की टीम में मंत्री हैं, मनोज तिवारी से मिलीं तो बताना नहीं भूली कि पार्षद बनने से पहले वो पत्रकार भी रह चुकी हैं. साथ ही ये भी जताया कि क्षेत्र में काम वही करेंगी, पार्षद के काम के लिए पति से निर्भर नहीं रहेंगी.

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इन नेताओं के घर भी जम रही है भीड़

सिर्फ मनोज तिवारी ही नहीं पार्टी के दूसरे नेताओं के दर पर भी कौन बनेगा मेयर कान्टेस्ट में दांव लगाने के लिए पार्षदों की कतार लग रही है. पंत मार्ग के दिल्ली बीजेपी मुख्यालय के पिछले हिस्से में बने मकान में पार्टी के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन रहते हैं, दिनभर यहां नए पार्षदों के आने का सिलसिला चलता है. मौका मिलते ही महिला पार्षद मेयर पद पर अपनी दावेदारी जताना नहीं भूलतीं. पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार 2 से पार्षद चुनी गईं भावना मलिक ने प्रिंसीपल के तौर पर अपने प्रशासिक अनुभव से संगठन मंत्री को रूबरू कराया और लगे हाथ ये भी जता दिया कि अगर पार्षद से आगे की ज़िम्मेदारी उन्हें मिले तो उसे भी वो बखूबी निभा सकती हैं. पूर्वी दिल्ली से ही प्रीत विहार की पार्षद चुनी गईं बबीता खन्ना आर्ट आफ लिविंग में योगा टीचर हैं और उम्मीद कर रही हैं कि अगर पार्टी उनकी काबीलियत को तो तरजीह देती हैं, तो मेयर के लिए दावेदारी में पीछे नहीं रहेंगीं.

साउथ एमसीडी में शिखा राय और कंवलजीत सहरावत के नाम सबसे आगे

एमसीडी एक्ट में पहले साल महिला पार्षद के लिए मेयर का पद आरक्षित है, इसीलिए महिला पार्षदों के बीच से ही मेयर के नामों के लेकर चर्चा शुरु हो गई है. साउथ एमसीडी में शिखा राय और कंवलजीत सहरावत के नाम सबसे आगे हैं, लेकिन नंदिनी शर्मा और पहले पार्षद रह चुकीं सरिता जिंदल का नाम भी मजबूती से लिय़ा जा रहा है. उत्तरी दिल्ली में प्रीति अग्रवाल और महिला मोर्ची की अध्यक्ष पूनम पाराशर का नाम चर्चा में है, तो पूर्वी दिल्ली में कंचन माहेश्वरी औऱ पूर्व पार्षद नीमा भगत का नाम चर्चा में है. हालांकि मनोज तिवारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि मेयर का चुनाव मोदी के सपनों की कसौटी पर होगा, लेकिन ये दिलचस्प होगा कि बीजेपी किसे तरजीह देगी संगठन के अनुभव को या फिर पार्षद रह चुकी महिलाओं के तजुर्बे को.

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