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मोदी को देश की जनता और बीजेपी के लोग ही हटा देंगे: नारायणसामी

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ का आगाज करते हुए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुडुचेरी की आवाज उठाने पर मेरे साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसा व्यवहार किया जाता है.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी (फोटो-aajtak) इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी (फोटो-aajtak)
aajtak.in
  • विशाखापट्टनम,
  • 21 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

विशाखापट्टनम में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के तीसरे संस्करण का पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने आगाज किया. इस दौरान नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए कांग्रेस को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. उन्हें (मोदी) आगामी लोकसभा चुनाव में देश की जनता और बीजेपी के ही लोग हटा देंगे. बीजेपी के अधिकतर नेता मोदी से खुश नहीं हैं.

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पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी कानून को तोड़ने वाली बताते हुए नारायणसामी ने कहा कि पुडुचेरी की संविधान में स्थिति दिल्ली जैसी नहीं है. यहां कानून-व्यवस्था और जमीन राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में है, लिहाजा केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त लेफ्टिनेंट गवर्नर राज्य सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं.

वहीं, कर्जमाफी के सवाल पर नारायणसामी ने कहा कि केन्द्र ने राज्य सरकारों को अपने खजाने से कर्जमाफी करने के लिए कहा है. ऐसा संभव नहीं है क्योंकि राज्य सरकारें फंड के लिए केन्द्र पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र में बीजेपी सरकार भूल चुकी है कि यह देश किसानों की मेहनत से खड़ा हुआ है. आज आर्थिक विकास से किसान कटा हुआ है.

मोदी सरकार पर पुडुचेरी सरकार के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए नारायणसामी ने कहा कि बाकी प्रदेशों को 48 फीसदी केन्द्रीय मदद मिलती है, लेकिन पुडुचेरी को महज 26 फीसदी दिया जाता है. जब वह केन्द्र सरकार से अपनी बात कहना चाहते हैं तो उनके साथ अरविंद केजरीवाल जैसा बर्ताव किया जाता है.

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नारायणसामी ने दावा किया कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में नहीं थे, उनके साथ भी भेदभाव किया जाता था. एनडीए में शामिल होने के बाद उन्हें केन्द्र की मदद मिलने लगी. यदि केन्द्र सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान ऐसा होता रहा तो राज्य आर्थिक तौर पर बहुत पिछड़ जाएगा.

उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास मुख्यमंत्रियों के लिए समय नहीं है. केन्द्र सरकार के सभी फैसले बिना राज्यों की सहमति के लिए जा रहे हैं. यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलते थे.

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