Advertisement

बेंगलुरु: RSS कार्यकर्ता की हत्या के प्रयास में शामिल SDPI के सदस्य ने कबूला गुनाह

गिरफ्तार किए गए सैयद अकबर के मुताबिक वह ऐसे लोगों के दिमाग में दहशत पैदा करना चाहता था,जो CAA का समर्थन कर रहे हैं. सैयद अकबर ने बताया कि दो दिन बाद पता चला कि जिस शख्स पर हमला किया गया था वो बच गया.

फाइल फोटो-ANI फाइल फोटो-ANI
नोलान पिंटो
  • बेंगलुरु,
  • 22 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

  • गिरफ्तार 6 संदिग्धों में शामिल है सैयद अकबर
  • बताया- किस तरह तैयार हुआ हमले का प्लॉट

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े सैयद अकबर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने स्वीकार किया है कि वह 22 दिसंबर को CAA के समर्थन में निकाली रैली में शामिल रहे RSS कार्यकर्ता की हत्या की कोशिश की साजिश में शामिल था. बता दें कि बेंगलुरू पुलिस ने इस मामले में बीते शुक्रवार को सैयद अकबर समेत छह संदिग्धों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी थी.

Advertisement

सैयद अकबर ने अपने कबूलनामे में कहा, 'मैं PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के साथ 7 वर्ष से जुड़ा होने की वजह से उनके कार्यक्रमों और गतिविधियों में हिस्सा लेता रहा था. बीते चार साल से मैं SPDI के साथ काम कर रहा हूं. मैंने पिछले कुछ चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया. मैं PFI की भुबनेश्वरी नगर और चामुंडी यूनिटों के साथ रह चुका हूं.'

कर्नाटक में भी 16 दिसंबर जैसा प्रदर्शन करना चाहते थे...

सैयद अकबर ने आगे बताया, '16 दिसंबर 2019 को देश में CAA के विरोध में कई जगह प्रदर्शन हुए. हम कर्नाटक में भी ऐसा प्रदर्शन करना चाहते थे. 20 दिसंबर 2019 को शुक्रवार की नमाज के बाद हम ये प्रदर्शन करना चाहते थे. 22 दिसंबर 2019  को बीजेपी और RSS कार्यकर्ताओं ने CAA के समर्थन में प्रदर्शन करने का फैसला किया.

Advertisement

इससे हमारी PFI यूनिट के कई लोगों में असंतोष फैला, ऐसी ही कुछ यूनिट ने आगे की कार्रवाई के लिए बैठक की. ऐसी ही एक बैठक में तय किया गया कि जो लोग मुस्लिम विश्वास के खिलाफ हैं और जो CAA के समर्थन में काम कर रहे हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.'

सैयद अकबर ने कबूलनामे में कहा, 'मुझे बताया गया कि मैं टैनरी रोड के पास एक पार्क में आऊं. वहीं मैं सादिक नाम के एक शख्स से मिला. उसने मुझसे कहा कि हमारे संगठन का एक नेता चाहता है कि CAA के समर्थन में हिस्सा लेने वाले आरएसएस के किसी नेता की हत्या की जाए. मुझे बताया गया कि एक टीम तैयार है और मुझे उसकी मदद करनी है. मैं इसके लिए अपनी मर्जी से तैयार हो गया.'

'मुझे कहा गया, हत्या के लिए बाइक से जाऊं'

सैयद अकबर ने कहा, 'मुझे कहा गया कि मैं RSS नेता की हत्या के लिए बाइक पर आऊं. मैं अपनी सिल्वर प्लेटिना से पहुंचा. मैं मुनिरेड्डी पाल्या में जामा मस्जिद के पास इंतजार कर रहा था. वहां सादिक ने आकर मुझे साथ लिया और हम टाउन हाल गए. वहां टीम के अन्य सदस्य इंतज़ार कर रहे थे. वाहनों के नंबर प्लेट्स को ग्रीस और कीचड़ से गंदा कर दिया गया जिससे कोई नंबर ना पढ़ सके. दो वाहनों में उनके पास हथियार भी थे. उन्हें अपने चेहरे भी हेलमेट से ढके रहने के लिए कहा गया था.'

Advertisement

ये भी पढ़ेंः जानें- शाहीन बाग को कैसे मिला वो नाम जो देशभर में CAA प्रोटेस्ट की बन गया है पहचान

सैयद अकबर ने बताया, 'हमें किसी नेता की पहचान कर उसका पीछा करना था और उसके मूवमेंट जानकारी टीम को देनी थी. मैंने ऐसा ही किया जब मैंने एक शख्स को भगवा पोशाक में देखा. वो सड़क के उस तरफ रेंटल वाहन पर सवार था. मुझे तब रिजवान ने सूचना दी कि वो उस सड़क से गुजरेगा जहां टीम इंतजार कर रही है. थोड़ी देर बाद मैं वहां से निकला  तो मैंने एक शख्स को वहां खून से लथपथ गिरा देखा.'

सैयद अकबर के मुताबिक वो ऐसे लोगों के दिमाग में दहशत पैदा करना चाहते थे जो CAA का समर्थन कर रहे हैं. सैयद अकबर ने बताया कि दो दिन बाद पता चला कि जिस शख्स पर हमला किया गया था वो बच गया. कबूलनामा चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमा किया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement