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MP में 60 लाख फर्जी वोटर! 'सबूत' लेकर EC से शिकायत करने पहुंची कांग्रेस

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दावा किया कि हमने 100 विधानसभा क्षेत्रों में छानबीन कराई है, जिसमें 60 लाख फर्जी वोटरों की सूची का पता चला है.

कांग्रेस ने लगाया फर्जी वोटर लिस्ट का आरोप कांग्रेस ने लगाया फर्जी वोटर लिस्ट का आरोप
जावेद अख़्तर/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

हाल के चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस ने अब फर्जी वोटरों का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए 60 लाख फर्जी वोटर होने का दावा किया है.

कांग्रेस ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत भी की है. पार्टी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया है और सबूत पेश किए हैं. रविवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कमलनाथ ने बताया कि हमने 100 विधानसभा क्षेत्रों में छानबीन कराई है, जहां 60 लाख फर्जी वोटर की सूची का पता चला है.

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कमलनाथ ने दावा किया कि मध्यप्रदेश की आबादी 24% बढ़ी है, लेकिन मतदाताओं की संख्या में 40% इजाफा हुआ है. उन्होंने इस आंकड़े को हैरान करने वाला बताया है. साथ ही जान-बूझकर फर्जी वोटर लिस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है.

कमलनाथ ने ये भी आरोप लगाया कि यूपी से जुड़े क्षेत्रों में कई ऐसे लोग हैं, जिनके नाम दोनों राज्यों की वोटर लिस्ट में है. इसके अलावा कई लोगों ने नाम कई अन्य सूचियों में है. कमलनाथ ने कहा कि हमने नई वोटर लिस्ट बनाने की मांग की है.

बीजेपी पर आरोप

कमलनाथ ने ये भी कहा कि पड़ोस के राज्यों में भी वोटर लिस्ट की जांच होनी चाहिए. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की है, क्योंकि उन्होंने ही ये कराया है.

वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उन्होंने 60 लाख फर्जी मतदाता होने के सबूत के साथ चुनाव आयोग से शिकायत की है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस को लिस्ट में सुधार का भरोसा दिया है.

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चुनाव आयोग से कांग्रेस की 5 मांग

1. वोटर लिस्ट की फिर से जांच हो.

2. हर रिटर्निंग ऑफिसर से सर्टिफिकेट मांगा जाना चाहिए.

3. जिन्होंने फर्जी वोटरों को शामिल किया हो उन पर करवाई की जाए.

4. अगली सूची में भी अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो अधिकारी पर कार्रवाई की जाए.

5. ऐसे अधिकारी को 6-10 साल तक किसी भी मतदान कार्य प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाए.

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