
कांग्रेस ने रक्षा मामलों पर स्थायी समिति की बैठक का एजेंडा बदले जाने का विरोध किया है. पार्टी ने मांग कि है कि मूल एजेंडे को 14 अक्टूबर को होनेवाली समिति की बैठक में शामिल किया जाए. मूल एजेंडे में सर्जिकल स्ट्राइक का मसला भी था. जो कि अब नहीं है. इस मुद्दे पर समिति के चेयरमैन बी सी खंडूरी को बाक़ायदा शिकायती ख़त भी समिति में शामिल कांग्रेस के सदस्यों ने लिखा है.
सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही. कांग्रेस ने रक्षा पर स्थायी समिति की बैठक के एजेंडे से सर्जिकल स्ट्राइक के मसले को हटाने का विरोध किया है. दरअसल बैठक के मूल एजेंडे में समिति के सदस्यों को सर्जिकल स्ट्राइक पर आर्मी अधिकारियों की तरफ से जानकारी देना शामिल था लेकिन बैठक से ठीक पहले एजेंडे में बदलाव कर दिया गया. समिति में कांग्रेस के सदस्य अंबिका सोनी और मधुसूदन मिस्त्री ने मांग कि है कि सर्जिकल स्ट्राइक के मसले को फिर से शामिल किया जाए.
साथ ही अम्बिका और मधुसूदन का कहना है कि, हम चाहते हैं कि, अधिकारी 2004 से अब तक हुयी सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी भी साझा करें. आखिरी मौके पर किये गए बदलाव को कांग्रेसी नेता असंतोषजनक करार दे रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी के अलावा सेना में हथियारों की कमी भी मूल एजेंडे में शामिल था. नए एजेंडे मे हथियारों की कमी का मसला अभी भी मौजूद है. सैन्यकर्मियों से जुड़े ई-बैलेट पोस्टल सिस्टम को नए एजेंडे में शामिल किया गया है. कांग्रेस का कहना है कि स्थायी समिति में सर्जिकल स्ट्राइक पर जानकारी न देना साबित करता है कि सरकार को संसद सदस्यों पर विश्वास नहीं. कांग्रेस का आरोप है कि एजेंडे में बदलाव पहले भी ऐसे ही होता रहा है.
संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख गुरुवार को ही तय हुई है. ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति जिस तरह से चरम पर है उससे साफ है कि अगले संसद सत्र में भी ये मसला संसदीय कार्यवाही पर छाया रहेगा.