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#MeToo: यौन शोषण के आरोप पर अकबर चुप, कांग्रेस बोली- पीएम बताएं अपनी सोच

#MeToo के तहत आरोप लगते ही एमजे अकबर नाइजीरिया के दौरे पर चले गये थे. देश-दुनिया की सियासी हलचलों पर लगातार ट्वीट करने वाला उनका ट्विटर अकाउंट 6 अक्टूबर से शांत पड़ा है. आज दिल्ली लौटकर भी उन्होंने कोई सफाई नहीं दी और कहा कि मैं बाद में बयान दूंगा.

एमजे अकबर और पीएम मोदी एमजे अकबर और पीएम मोदी
जावेद अख़्तर/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

यौन शोषण के आरोप में घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर जहां इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खामोशी तोड़ने की मांग की है.

रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने मीटू (#MeToo) कैंपेन के तहत सामने आए एमजे अकबर के खिलाफ यौन शोषण के मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस पर जवाब देते हुए पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए. आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी देशवासियों को ये बताएं कि वो ऐसे मामलों पर क्या सोचते हैं.

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उन्होंने कहा, 'ये सरकार की मर्यादा का सवाल और पीएम पद की गरिमा का भी सवाल है. देश में इतनी बड़ी बहस चल रही है और देश की जनता व महिलाएं इस पर पीएम मोदी की सोच जानना चाहती है और देश ये भी जानना चाहता है कि आप इस पर क्या करेंगे.'

रविवार को लौटे दिल्ली

रविवार को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर लौटने पर एमजे अकबर ने पत्रकारों से कहा कि वे अपने ऊपर लगे आरोपों पर बाद में बयान जारी करेंगे. तकरीबन रोजाना हो रहे नये खुलासों से उनपर केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी को छोड़ने का जबर्दस्त दबाव है. भारतीय जनता पार्टी भी विपक्ष के निशाने पर हैं, कई महिला संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मांग की है कि एमजे अकबर को अविलंब पद से हटाया जाए.

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एमजे अकबर पर अब तक हर उम्र की 11 महिलाएं यौन शोषण, अश्लील हरकत जैसे गंभीर आरोप लगा चुकी हैं. इनमें विदेशी महिला भी शामिल हैं.

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