Advertisement

माकन बोले- 1 महीने पहले आता चुनाव आयोग का फैसला, तो टूट जाती AAP

माकन ने कहा कि संविधान के मुताबिक सिर्फ सात मंत्री हो सकते हैं. 21 विधायकों को मंत्री के बराबर सुविधाएं मुहैया कराईं. ये भ्रष्टाचार का उदाहरण है.

अजय माकन अजय माकन
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी. इस फैसले के फौरन बाद ही कांग्रेस आप पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नियमों को दरकिनार करते हुए 7 की जगह 21 मंत्री बना दिए.

माकन ने कहा कि संविधान के मुताबिक सिर्फ सात मंत्री हो सकते हैं. 21 विधायकों को मंत्री के बराबर सुविधाएं मुहैया कराईं. ये भ्रष्टाचार का उदाहरण है.

Advertisement

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने का सुझाव देने में देरी कर आप की ‘‘मदद’’ की है. इन 20 विधायकों पर लाभ का पद संभालने का आरोप है.

दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने यह बताने की भी कोशिश की इस देरी में बीजेपी का भी हाथ है लेकिन इस बारे में कोई सबूत नहीं दिया.

माकन ने कहा, ‘‘बीजेपी के निर्देशों पर चुनाव आयोग ने अपनी अनुशंसा में एक महीने की देरी की और आम आदमी पार्टी की मदद की. राज्य सभा चुनाव से पहले यह अनुशंसा आई होती तो आप अंदरूनी दरार के चलते टूट चुकी होती.’’

चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को लाभ का पद धारण करने के कारण अयोग्य घोषित करने की अनुशंसा की गई है जिसके बाद आज लगातार दूसरे दिन माकन ने आप पर हमला बोला.

Advertisement

माकन ने कल नैतिक आधारों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की थी.

बता दें कि आप की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया जिसको लेकर प्रशांत पटेल नाम के वकील ने लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी.

हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement