
संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस में तकरार तेज हो गई है. कांग्रेस ने सरकार पर गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शीतकालीन सत्र में देरी करने का आरोप लगाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार जानती है अगर सत्र बुलाया गया तो वह बेरोजगारी, जय शाह और जीएसटी जैसे मुद्दों पर घिर जाएगी.
कांग्रेस ने मंगलावार को सरकार पर निशाना साधते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्षी दलों से चर्चा किए बिना नोटबंदी और जीएसटी को लागू किया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नवंबर में होने वाले सत्र को बेवजह टाला जा रहा है, सरकार के मंत्रियों को भी वजहों का पता नहीं है क्योंकि निर्देश सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से आते हैं.
अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जो आंकड़े बताए वो गलत थे, क्योंकि 2012 में भी यही हाल था. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को कई मुद्दों पर सदन में जवाब देना पड़ेगा. रोजगार कहां है, रक्षा सौदे पर सरकार घिरी हुई है साथ ही नोटबंदी और जीएसटी से जनता अब भी बेहाल है.
कांग्रेस नेता आजाद ने कहा कि हमें सरकार चाहिए थी, लेकिन मोदी सरकार चुनाव लड़ने-लड़ाने की मशीन की तरह काम कर रही है. अगर सत्र बुलाया गया तो सरकार की पोल खुल जाएगी. इसी वजह से सत्र में देरी की जा रही है.
विपक्ष के आरोपों के पर संसदीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि सरकार जल्द ही सीसीपी की बैठक बुलाकर शीतकालीन सत्र की तारीखों का एलान करेगी. उन्होंने कहा कि सत्र में कोई देरी नहीं हो रही है, तारीख आगे-पीछे होती रहती हैं. पलटवार करते हुए मेघवाल ने कहा कि यह कांग्रेस के जमाने में भी होता रहा है और उनके आरोप बुनियाद हैं.