
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के कथित नक्सल लिंक के आरोपों के बीच भीमा-कोरेगांव केस की जांच कर रही पुणे पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुणे पुलिस का दावा है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़ी तफ्तीश के दौरान जब्त एक पत्र से मिला मोबाइल नंबर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का है.
इस मसले पर सोमवार को पुणे में डीसीपी सुहास बावाचे ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि एल्गार परिषद केस (भीमा-कोरेगांव हिंसा) की जांच के दौरान जब्त दस्तावेज और कंप्यूटर से जो नाम, नंबर और पते मिले हैं, उन सभी की पुष्टि कर ली गई है.
डीसीपी ने बताया कि किसी भी मोबाइल नंबर या उससे जुड़े व्यक्ति का जांच के दौरान अगर इस सिंडिकेट से लिंक पाया जाता है, तो उनके विरुद्ध कानून कार्रवाई की जाएगी. माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह के नंबर का खुलासा होने के बाद उन्हें केस की जांच से जुड़ने के लिए समन भी किया जा सकता है. हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट तौर पर अभी ऐसा नहीं कहा है.
बताया जा रहा है कि जिस पत्र में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नंबर लिखा पाया गया है, वह भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में गिरफ्तार वकील सुरेंद्र गाडलिंग के घर से जब्त किया गया था. दावा है कि ये पत्र कॉमरेड प्रकाश ने सुरेंद्र गाडलिंग को लिखा था. लेटर में ये भी लिखा है कि इस प्रक्रिया में हमारी मदद के लिए कांग्रेस नेता भी इच्छुक हैं. ऐसा लिखते हुए आगे एक मोबाइल नंबर लिखा गया है और कहा गया है कि मदद के लिए इस पर संपर्क कर सकते हैं.
बता दें कि इस हिंसा से जुड़ी जांच के दौरान करीब 15 पत्र बरामद किए गए हैं, जिनमें से एक पत्र में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद का भी नाम है.
वरवर राव को पुलिस रिमांड
इससे पहले भीमा कोरेगांव केस में मानवाधिकार कार्यकर्ता और तेलुगु कवि वरवर राव को 26 नवंबर तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. कोर्ट के आदेश के बाद राव हैदराबाद स्थित अपने घर में नजरबंद थे, जिसकी अवधि समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
वरवर राव उन पांच लोगों में शामिल हैं, जिन पर नक्सलियों के साथ संबंध रखने और भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं. इससे पहले अगस्त में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस की अगुवाई में देशभर में छापेमारी हुई थी. इस दौरान वरवर राव समेत कई नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था.
चार्जशीट दायर
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बीते गुरुवार को पुणे पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धावले और रोना विल्सन के खिलाफ पुणे पुलिस ने आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है.
पुणे पुलिस की चार्जशीट में एल्गार परिषद की भीमा कोरेगांव में 31 दिसंबर 2017 की उस रैली का जिक्र किया गया है जिसमें आयोजनकर्ताओं और हिस्सा लेने वालों की तरफ से कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए गए थे. इस चार्जशीट में कुल 80 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपी सीधे तौर पर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रोपेगैंडा के प्रचार में शामिल थे और लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई करकार को उखाड़ने की गतिविधियों में शामिल थे.