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संसद में सियासी पारा रहेगा गरम, इन 10 बड़े मुद्दों पर कांग्रेस संसद में करेगी हल्लाबोल

मौसम के पारे की तरह ही सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान सियासी पारे के भी चढ़े रहने के आसार हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बाकी विरोधियों के साथ मिलकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.

सरकार को घेरने के लिए छोटी पार्टियों के संपर्क में कांग्रेस है सरकार को घेरने के लिए छोटी पार्टियों के संपर्क में कांग्रेस है
अमित कुमार दुबे/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

मौसम के पारे की तरह ही सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान सियासी पारे के भी चढ़े रहने के आसार हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बाकी विरोधियों के साथ मिलकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस की तरफ से नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के राज्यसभा में उप ननेता आनंद शर्मा ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन के विरोध में राज्यसभा में काम रोको प्रस्ताव लाने का नोटिस दे दिया है. साथ ही वो इसी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव भी लाने की तैयारी में हैं.

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छोटी पार्टियों के संपर्क में कांग्रेस
कांग्रेस सरकार को संसद में घेरने के लिए लेफ्ट, डीएमके, आरजेडी, जेडीयू, सपा, बसपा जैसी छोटी पार्टियों के सम्पर्क में भी है. कांग्रेस को लगता है कि इस मुद्दे पर तमाम विरोधी दलों को एक छतरी के नीचे लाया जा सकता है और सरकार को झुकाया जा सकता है. कांग्रेस के नेता लगातार क्षेत्रीय दलों को ये समझा रहे हैं कि पहले अरुणाचल और अब उत्तराखंड के बाद अब अगली बारी किसी और गैर बीजेपी शासित राज्य की हो सकती है. इसलिए इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करना होगा.

सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने उम्मीद जताया है कि संविधान को मानने वाले सभी दल लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होंगे. इसके अलावा कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने सोनिया-राहुल के साथ मिलकर उन मुद्दों को फाइनल कर लिया है, जिनको इस सत्र में उठाया जाएगा. हालांकि उत्तराखंड के मुद्दे पर कांग्रेस संसद ठप्प कराने की भी तैयारी में है, जिसके बाद ही बाकी मुद्दों का नम्बर आएगा.

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कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर सरकार पर हल्लाबोल की तैयारी में है.

1. सूखे और पेयजल संकट पर सरकार की नाकामी

2. सर्राफा व्यापारियों का मुद्दा

3. विजय माल्या का मामला

4. दलितों पर अत्याचार का मसला (रोहित वेमुला को अब तक न्याय नहीं, राजस्थान में दलित महिला पर अत्याचार का मसला, जहां खुद राहुल गांधी गए थे)

5. विदेश नीति और सुरक्षा मामले में पाकिस्तान के सामने कमजोरी

6. मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून में सरकार की हीला-हवाली

7. कश्मीर में एनआईटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, जेएनयू और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का मुद्दा

8. दालों और रोजमर्रा की चीजों के बढ़े हुए दाम

9. गुजरात में सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया भ्रष्टाचार का मामला

10. समाज में बढ़ते सामाजिक तनाव के लिए केन्द्र सरकार जिम्मेदार

खबरों की मानें तो इसके अलावा कांग्रेस जीएसटी बिल पर अपनी वो तीन मांगें मनवाने पर अड़ी रहेगी. वैसे कांग्रेस के रणनीतिकारों की नजर संसद सत्र के दौरान सामने आने वाले मुद्दों पर भी रहेगी, जिनको लपककर वो सरकार की नींद उड़ा सके.

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