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क्या धारा 370 पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी गलती कर बैठी कांग्रेस?

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के पीछे एक बड़ी वहज सर्जिकल स्ट्राइक पर उसके असमंजस को बताया गया. चुनाव नतीजों के बाद माना गया कि कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर साफ स्टैंड नहीं ले पाई और लोगों में इसका गलत संदेश गया. एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को अचानक हटाने के मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस पशोपेश में नजर आ रही है.

राहुल गांधी (फाइल फोटो-Mandar Deodhar) राहुल गांधी (फाइल फोटो-Mandar Deodhar)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के पीछे एक बड़ी वहज सर्जिकल स्ट्राइक पर उसके असमंजस को बताया गया. चुनाव नतीजों के बाद माना गया कि कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर साफ स्टैंड नहीं ले पाई और लोगों में इसका गलत संदेश गया.

एक बार फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को अचानक हटाने के मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस पशोपेश में नजर आ रही है. कांग्रेस ने भले ही संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया, लेकिन पार्टी के भीतर इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है बल्कि दूसरी पार्टी के दूसरी कतार के कई नेताओं का अलग रुख देखने को मिला.

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भले ही कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध किया हो, लेकिन कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. जर्नादन द्विवेदी ने भी 370 पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया. इन नेताओं का रुख बताता है कि कांग्रेस में ऐसे मुद्दों पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और उसके पास मोदी सरकार को घेरने का अभी कोई ठोस रणनीति नहीं है.

राज्यसभा में कांग्रेस के नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने धारा 370 को असरहीन करने का तार्किक तरीके से विरोध किया लेकिन उन्हें कांग्रेस के दूसरे नेताओं का साथ नहीं मिला. कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल कई नेताओं का मानना है कि पार्टी के बड़े नेता संसद में जो भी स्टैंड ले रहे हैं, लगता है कि जमीनी हकीकत से दूर हैं. हम जमीन पर सियासत करते हैं. इस तरह विरोध के कदम से पार्टी को सियासी नुकसान होना तय है. दूसरी ओर राहुल गांधी, प्रियंका और सोनिया गांधी की तरफ से इस पर कोई बयान नहीं आना भी कांग्रेस के असमंजस रूप में देखा जा रहा है.

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कांग्रेस के बड़े नेता 370 को निष्क्रिय बनाने के प्रावधान के खिलाफ वाली लाइन पर दिख रहे मगर पार्टी की युवा ब्रिगेड के नेता और कार्यकर्ता पार्टी के इस रुख से अलग लाइन ले रहे हैं. इसी को मुद्दा बनाते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. वहीं, वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, एआईडीएमके के साथ ही विपक्षी दलों में बसपा और आम आदमी पार्टी ने इस मसले पर सरकार का साथ देकर कांग्रेस के माथे पर बल बढ़ा दिए.

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