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मल्लिकार्जुन खड़गे पर कांग्रेस-JDS में जंग, सिद्धारमैया बोले- कुमारस्वामी के भाई भी CM के काबिल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की एक टिप्पणी को लेकर उनके और राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन समन्वय समिति प्रमुख सिद्धारमैया के बीच टि्वटर पर बहस छिड़ गई है.

कुमारस्वामी और सिद्धारमैया (फाइल फोटो- PTI) कुमारस्वामी और सिद्धारमैया (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 16 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार बनने के बाद से ही चर्चा में बनी हुई है, लेकिन अब मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही अंदरूनी लड़ाई खुलकर बाहर आती नजर आ रही है. दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की एक टिप्पणी को लेकर उनके और राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन समन्वय समिति प्रमुख सिद्धारमैया के बीच टि्वटर पर बहस छिड़ गई है.

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बता दें कि कुमारस्वामी ने मंगलवार को खड़गे के बारे में कहा था कि उन्हें बहुत पहले इस शीर्ष पद (मुख्यमंत्री पद) की पेशकश की जानी चाहिए थी. इसे लेकर राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के दोनों दलों- कांग्रेस और जेडीएस में सार्वजनिक रूप से बहस छिड़ गई है.

कुमारस्वामी का ये बयान उस समय आया जब कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है. कुमारस्वामी के इस बयान को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मात देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने इस पद के लिए अपनी महत्वाकांक्षा का इशारा दिया था.

कुमारस्वामी के बयान पर सिद्धारमैया ने बेहद संभलते हुए दिलचस्प अंदाज में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं कुमारस्वामी के बड़े भाई एचडी रेवन्ना भी इस शीर्ष पद के लिए काबिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कुमारस्वामी ने जो कुछ कहा वह सही है. मल्लिकार्जुन खड़गे के पास न सिर्फ मुख्यमंत्री बनने की, बल्कि इससे ऊंचा पद पाने की भी काबिलियत है. कांग्रेस और जेडीएस में ऐसे कई लोग हैं जो मुख्यमंत्री बनने के काबिल हैं.’’ सिद्धारमैया ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘एच डी रेवन्ना भी उनमें से एक हैं. हर चीज के लिए वक्त आता है.’’

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कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी दिली ख्वाहिश है कि खड़गे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए और इसे कोई राजनीतिक रंग देना या इसका ठीक से सोचे समझे बगैर विश्लेषण करना सही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘इस बयान के जरिए कोई राजनीतिक लाभ पाने की मेरी कोई क्षुद्र रूचि नहीं है.’’

गौरतलब है कि चिंचोली में मंगलवार को कुमारस्वामी ने कहा था कि खड़गे को बहुत समय पहले ही मुख्यमंत्री बन जाना चाहिए था. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि खड़गे मौजूदा कांग्रेस-जेडीएस सरकार में भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं लेकिन वह (खड़गे) पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे.

इस बीच, रेवन्ना ने सिद्धारमैया के ट्वीट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए हासन में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री (सिद्धारमैया) उनके ‘‘शुभचिंतक’’ हैं और जब तक उनके भाई इस शीर्ष पद पर हैं, उनके (सिद्धारमैया के) मुख्यमंत्री पद की दौड़ में होने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘...वह लंबे समय से मेरे शुभचिंतक रहे हैं, इसलिए उन्होंने जो कुछ कहा है उस पर मैं प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. मुझसे उनको लगाव है. जब कुमारस्वामी मुख्यमंत्री हैं, तब भला मैं कैसे हो सकता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पद फिलहाल खाली नहीं है. जब तक कुमारस्वामी मुख्यमंत्री हैं तब तक हममें से कोई इस दौड़ में नहीं है. हम भाई इसके लिए नहीं लड़ेंगे. कुमारस्वामी और देवगौड़ा ने जो कुछ कहा है वह मेरा रूख है.’’ बाद में सिद्धारमैया ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि ऐसे कई लोग हैं जिनमें मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत है और रेवन्ना उनमें से एक हैं.

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उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं कहा कि रेवन्ना को मुख्यमंत्री बनना चाहिए...ऐसा नहीं है कि रेवन्ना को कल ही खुद से मुख्यमंत्री बन जाना चाहिए...अवसर मिलने पर कोई भी सीएम बन सकता है. कई लोगों में काबिलियत है.’’

उधर, उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने सिद्धारमैया का समर्थन करते हुए कलबुर्गी में कहा कि सिद्धारमैया के ट्वीट में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि वह और रेवन्ना करीब थे. उन्होंने कहा कि वह भी मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं लेकिन यह पद फिलहाल खाली नहीं है.

वहीं, इस मामले में भाजपा ने भी एंट्री मारी. बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कुमारस्वामी से फौरन इस्तीफा देने और इस शीर्ष पद को खड़गे के लिए खाली करने को कहा. बता दें बीएस येदियुरप्पा प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे और भाजपा गठबंधन टूटने और सत्ता कबजाने की ताक में बैठी हुई है. इस मामले पर खड़गे ने मुख्यमंत्री के बयान को चुनाव के समय का बयान बताया है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद के बारे में यह चर्चा 23 मई को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य की गठबंधन सरकार की स्थिरता पर चल रही है.

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