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मोदी 1 लाख जुर्माना लगाते तो जीत लेते मुस्लिमों का भरोसा- दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तीन तलाक बिल पर प्रतिक्रिया देते करते हुए कहा है कि अगर पीएम मोदी इसमें कुछ संशोधनों को शामिल करते तो वह मुस्लिमों का भरोसा जीत लेते.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

मोदी सरकार की ओर से संसद के दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पास कराए जाने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बिल में कुछ संशोधनों को शामिल किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा है कि अगर ये प्रावधान शामिल होते तो मुस्लिमों का भरोसा पीएम मोदी जीतने में सफल हो जाते.

दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'यदि मोदी सरकार आरोपी को जेल भेजने के बजाय कम से कम 1 लाख का जुर्माना और 1०००० प्रति माह पत्नि अलाउंस का संशोधन स्वीकार कर लेती तो पूरा विवाद ही समाप्त हो जाता. मोदी जी की मंशा अनुसार उन्हें मुसलमानों का विश्वास भी मिल जाता जो वे चाहते भी हैं. इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2018 में राज्यसभा में तीन तलाक पर बहस के दौरान अपने बोलने का वीडियो भी शेयर किया है.

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बता दें कि राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद मोदी सरकार तीन तलाक बिल पास कराने में सफल रही. बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ 84. इससे पहले विपक्ष ने बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजने का प्रस्ताव रखा था लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में विपक्ष सिर्फ 84 वोट ही जुटा पाए, जबकि विरोध में 100 वोट पड़े. विपक्ष में सेंधमारी के दम पर बीजेपी यह अहम बिल विरोध के बावजूद पास कराने में सफल रही.

यदि मोदी सरकार आरोपी पर मेरा जेल भेजने के बजाय कम से कम ₹१ लाख का जुर्माना और ₹१००००/- प्रति माह पत्नि को अलाउंस का संशोधन स्वीकार कर लेती तो पूरा विवाद ही समाप्त हो जाता। मोदी जी की मंशा अनुसार उन्हें मुसलमानों का विश्वास भी मिल जाता जो वे चाहते भी हैं।— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 31, 2019

पिछली सरकार में दो बार लोकसभा से पास कराने के बावजूद मोदी सरकार तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास नहीं करा सकी थी. तीन तलाक बिल पास होने को मोदी सरकार की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. चौंकाने वाली बात रही कि बिल पर मत विभाजन के दौरान उन आधे दर्जन दलों के दो दर्जन सदस्य गैर हाजिर रहे, जो इस बिल के प्रावधानों की आलोचना कर रहे थे.

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